State News (राज्य कृषि समाचार)

ईगल सीड्स ने हाइब्रिड भिंडी बीज ईगल – 3801 लांच किया

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17 फरवरी 2023, इंदौर: ईगल सीड्स ने हाइब्रिड भिंडी बीज ईगल – 3801 लांच किया – सोयाबीन एवं गेहूं बीजों का व्यवसाय करने वाली मध्य भारत की प्रसिद्ध बीज कम्पनी ईगल सीड्स  एंड बायोटेक लिमिटेड द्वारा  गत दिनों सब्ज़ी बीजों की श्रृंखला में नए उत्पाद  हाइब्रिड भिंडी ईगल -3801 को कम्पनी के कॉर्पोरेट ऑफिस से वर्चुअल मीटिंग के माध्यम से लांच किया गया। इस दौरान कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री वैभव जैन, सीनियर वाईस प्रेसिडेंट  -सेल्स एंड मार्केटिंग श्री अनिल कोलते,जनरल मैनेजर -मार्केटिंग डॉ अशोक गुप्ता और सब्ज़ी बीज डिप्टी जनरल मैनेजर श्री श्रीधर धनागरे, प्रोडक्ट डेवलपमेंट मैनेजर श्री सुधाकर शर्मा ,  डिप्टी  जनरल मैनेजर-सेल्स यूनिट 1 -2  श्री लक्ष्मीचन्द्र जैन एवं श्री विजय मोहोड़ , वैज्ञानिक श्री मेघराज तोमर के अलावा देश के विभिन्न राज्यों से आए लगभग 150  वितरक मौजूद थे।  

श्री वैभव जैन ने कहा कि किसानों को सोयाबीन एवं गेहूं के बीज की संशोधित किस्में उपलब्ध कराने के बाद  सब्जी बीजों में भी हमारे वैज्ञानिक सब्जियों की प्रमुख फसलें  जैसे मिर्ची , लौकी , करेला ,टमाटर , भिंडी इत्यादि के हाइब्रिड विकसित करने में निरंतर लगे हुए हैं, जो आने वाले समय में किसानों को उचित प्रतिफल प्रदान करेंगी। वहीं श्री अनिल कोलते ने हाइब्रिड भिंडी की आने वाली एडवांस किस्मों एवं  इस बारे में कंपनी की नीतियों को विस्तार से बताया। डॉ अशोक गुप्ता और श्री श्रीधर धनागरे ने हाइब्रिड भिंडी बीजों के कारोबार की संभावनाओं पर प्रकाश डाला । श्री सुधाकर शर्मा ने उन  किसानों  के अनुभव साझा किये,जिन्होंने ईगल 3801 को अपने यहाँ लगाया एवं आशानुकूल परिणाम पाए।

हाइब्रिड ईगल 3801  विकसित करने वाले वैज्ञानिक श्री मेघराज तोमर ने इसकी खूबियां बताते हुए कहा कि यह खरीफ़ और  ग्रीष्म  मौसम की बुवाई के लिए उपयुक्त है ,जो 45 -55  दिनों में पहली तुड़ाई के साथ लंबे समय तक फलने वाला हाइब्रिड है । इसके आकर्षक हरे रंग के 12 – 15 सेमी लंबे ,फल  पौधे पर बहुत पास -पास लगते है। फलों की आसान एवं निरंतर तुड़ाई ही इसकी खूबियाँ है। प्रमुख विषाणु रोगों के प्रति भी ये किस्म  सहनशील है।अंतिम सत्र में खुली चर्चा एवं मंथन रखा , जिसमें  सभी वितरक बंधुओं एवं कंपनी प्रतिनिधियों के सवालों के ज़वाब  संबंधित अधिकारियों द्वारा दिए गए। अंत में अनुसन्धान टीम और उपस्थितों के प्रति आभार श्री लक्ष्मीचन्द्र जैन एवं श्री विजय मोहोड़ ने प्रकट किया।

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