पाला व शीतलहर से फसल सुरक्षा के उपाय
9 जनवरी 2023, देवास । पाला व शीतलहर से फसल सुरक्षा के उपाय – पाला रबी के मौसम में किसानों की एक प्रमुख समस्या होती है। इस मौसम में तापमान कम होने के साथ-साथ जैसे ही ठंड बढ़ती है और तापमान कम होते-होते जमाव बिन्दु तक आ जाता है, जिससे वातावरण में पाले की स्थिति बनने लगती है।
उप संचालक कृषि श्री आर.पी. कनेरिया ने बताया कि प्राय: पाला पडऩे की संभावना उस रात में ज्यादा रहती है, जब ये स्थितियां बनती हैं:-
- जब दिन के समय ठंड अत्यधिक हो परन्तु आकाश साफ हो।
- भूमि के निकट का तापमान शून्य डिग्री सेन्टीग्रेड अथवा और भी कम हो। द्य शाम के समय हवा अचानक रूक जाए एवं हवा में नमी की अत्यधिक कमी हो।
सुरक्षा के उपाय
- यदि पाला पडऩे की संभावना हो या मौसम विभाग ने पाला पडऩे की चेतावनी दी हो, तो फसलों में हल्की सिंचाई करें, जिससे खेत के तापमान में 0.5 से 2 डिग्री से.ग्रे. तक वृद्धि हो जाती है। द्य जिस रात्रि में पाला पडऩे की संभावना हो उस समय खेत की पश्चिमी मेड़ों पर करीब आधी रात को घास-फूंस एकत्रित कर जलाएं, जिससे धुंआ सारे खेत में छा जाएगा। यह प्रक्रिया खेत के कई स्थानों पर करें, जिससे तापमान में वृद्धि होगी।
- पाले के समय रस्सी का उपयोग करना काफी प्रभावी रहता है। इसके लिए दो व्यक्ति सुबह के समय (भोर में) एक रस्सी को उसके दोनों सिरों को पकडक़र खेत के एक कोने से दूसरे कोने तक फसल को हिलाने से फसल पर पड़ी हुई ओंस नीचे गिर जाती है एवं फसल सुरक्षित रहती है।
- फसलों को पाले से बचाने के लिए खेत के उत्तर-पश्चिम मेड़ पर तथा बीच-बीच में वायुरोधक पेड़ जैसे:- शीशम, बबूल, जामुन, शहतूत तथा आम के पौधे लगायें।
- पाला पडऩे की संभावना होने पर 2 प्रतिशत यूरिया का छिडक़ाव किया जाय तो पाले का प्रभाव कम होगा। क्योंकि यूरिया के छिडक़ाव से कोशिकाओं में पानी आने जाने की क्षमता बढ़ जाती है।
पाले से फसलों के बचाव के उपाय