Farmer Success Story (किसानों की सफलता की कहानी)

इस हाइब्रिड बाजरा की किस्म को अपनाकर महिला किसान ने कमाये 40 हजार

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23 जून 2023, रसीलपुर: इस हाइब्रिड बाजरा की किस्म को अपनाकर महिला किसान ने कमाये 40 हजार – राजस्थान के रूपवास ब्लॉक के रसीलपुर गांव की महिला किसान सरोज देवी अब देश भर की महिला किसानों के लिए एक रोल मॉडल से कम नहीं हैं। सरोज देवी हाइब्रिड बाजरा की खेती करती हैं। अतिरिक्त आय से सरोज देवी अपने परिवार की जिम्मेदारियों को उठाने के साथ अपने बच्चों को शिक्षित भी कर रही हैं।

सरोज देवी , रसीलपुर

सरोज देवी एक किसान परिवार से आती हैं। पहले सरोज देवी भी कई किसान के जैसे पुरानी पद्धति के आधार पर खेती किया करती थी, परंतु कोर्टेवा एग्रीसाइंस द्वारा आयोजित महिला किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने के बाद सरोज जी ने  पायनियर की संकर बाजरा किस्म 86M94 और इसके लाभों के बारे में जाना और इसका प्रशिक्षण भी लिया। कोर्टेवा एग्रीसाइंस के इस प्रशिक्षण कार्यक्रम ने संकर बाजरा की किस्म को उगाने के लिए प्ररित किया। सरोज जी ने हाइब्रिड बाजरे की क्षमता को देखते हुए उनकी 40 एकड़ जमीन से 20 एकड़ जमीन में संकर बाजरा की किस्म को बोने का फैसला किया। सरोज जी को इसका परिणाम आश्चर्यजनक मिला। इस किस्म से सरोज जी को प्रति एकड़ 5.20 क्वि. (13 मन) की उपज प्राप्त हुई जिससे उन्हें 40,000 रूपये का लाभ हुआ। इस अतिरिक्त आय़ ने सरोज जी को वित्तीय सुरक्षा प्रदान की और उनको आत्मनिर्भर बनाया।

कृषक जगत को बताते हुए सरोज जी ने कहा ,” कोर्टेवा की 86M94 हाइब्रिड बाजरा किस्म की खेती उनके के लिए बहुत लाभकारी साबित हुई हैं। इस किस्म के उपयोग से पिछले वर्ष की तुलना में खेत की उपज मे काफी वृध्दि हुई हैं। संकर बाजार की यह किस्म सूखे और अन्य पर्यावरणीय तनाव कारकों के प्रति प्रतिरोधी थी, जिसके परिणामस्वरूप अधिक उत्पादक फसल हुई। आय के मामले में भी हाइब्रिड बाजरा की किस्म ने मुझे निवेश पर बेहतर रिटर्न दिया। मैं बाजरा की गुणवत्ता और उपज के कारण बाजार में अधिक कीमत पर बेचने में सक्षम हुई। इसके अलावा, मुझे कीटनाशकों और उर्वरकों पर ज्यादा खर्च नहीं करना पड़ा क्योंकि हाइब्रिड किस्म में कीटों और बीमारियों के लिए बेहतर प्रतिरोध था। कुल मिलाकर, मैं पायनियर की 86M94 हाइब्रिड बाजरा किस्म लगाने के अपने फैसले से बहुत संतुष्ट हूं। इसने न केवल मेरी उत्पादकता और आय में वृद्धि की बल्कि खेती को भी आसान और अधिक कुशल बना दिया।”

सरोज जी अपनी बाजरे की फसल सीधे स्थानीय बाजार में व्यापारियों को बेचती हैं। इससे वे संभावित खरीदारों से जुड़ पाती हैं और अपनी उपज की बिक्री के लिए व्यापारियों से बातचीत कर पाती हैं। बाजार में सीधे व्यापारियों को बेचना सुविधा प्रदान करता है और इसमें शामिल दोनों पक्षों के लिए उचित लेनदेन भी सुनिश्चित करता है।

उन्होंने ने कहा कि हाइब्रिड बाजरे की खेती उनके लिए अत्यधिक लाभदायक रही है। वे सभी को उपज बढ़ाने व अच्छी आय अर्जित करने के लिए हाइब्रिड बाजरे की किस्म को उगाने की सलाह देती हैं। उनके द्वारा लगाए गए संकर बाजरे की किस्म की गुणवत्ता असाधारण थी, और इसने उनको पारंपरिक बाजरा फसलों की तुलना में बेहतर उपज और गुणवत्ता प्राप्त करने में मदद की। इससे उन्हें  वित्तीय सुरक्षा और स्थिरता मिली है।

सरोज जी इस हाइब्रिड बाजरा की खेती के लिए समर्पित भूमि के क्षेत्र को धीरे-धीरे बढ़ाकर अपनी खेती का विस्तार करने की योजना बना रही हैं। 

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