राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)एग्रीकल्चर मशीन (Agriculture Machinery)

कीटनाशक छिडकाव के लिए ड्रोन उपयोग की अनुमति बढ़ी

27 अप्रैल 2024, नई दिल्ली: कीटनाशक छिडकाव के लिए ड्रोन उपयोग की अनुमति बढ़ी – कंपनियां पौध सरंक्षण के लिए अब और एक वर्ष तक ड्रोन से कुछ खास कीटनाशकों का छिड़काव कर सकेंगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए मिली अंतरिम मंजूरी की अवधि बढ़ा दी है। मंजूरी की अवधि 18 अप्रैल, 2024 से एक साल के लिए बढ़ाई गई है। पौधों की रक्षा के लिए ड्रोन से रसायन के छिड़काव की अन्य सभी शर्तें पूर्ववत बनी रहेंगी, जिसमें मानक परिचालन प्रक्रिया आदि शामिल है।

फसलों पर कीटनाशक छिड़कने के लिए ड्रोन के इस्तेमाल की मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) कुछ समय पहले जारी की गई थी, जिसमें ड्रोन उड़ाने की अनुमति, दूरी की सीमा, पंजीकरण, सुरक्षा बीमा, उड़ाने का प्रमाणपत्र, परिचालन योजना, विमान उड़ने के क्षेत्र, मौसम की स्थिति आदि जैसे वैधानिक प्रावधान शामिल हैं।

एसओपी में परिचालन के पहले, परिचालन के बाद और उस दौरान के नियम, आपातकालीन स्थिति की योजना आदि भी शामिल है।मंत्रालय ने पूर्व में 18 अप्रैल, 2022 को दो साल की अवधि के लिए ड्रोन छिड़काव के लिए उपयोग किए जाने वाले अंतरिम-अनुमोदित कीटनाशकों को सूचीबद्ध करते हुए एक ज्ञापन जारी किया था।

कीटनाशकों, फफूंदनाशकों और पादप वृद्धि नियामकों (पीजीआर) (जैव-कीटनाशकों और वनस्पति कीटनाशकों सहित) से युक्त पंजीकृत कीटनाशक फॉर्मूलेशन, जिन्हें अन्यथा भारत में नैपसेक स्प्रेयर द्वारा मैन्युअल रूप से स्प्रे करने की अनुमति है, को ड्रोन के माध्यम से व्यावसायिक उपयोग के लिए अस्थायी रूप से अनुमोदित किया गया है।

कीटनाशक निर्माण  उद्योग मंजूरी के विस्तार की मांग कर रहा था  ताकि कृषि में ड्रोन के उपयोग को जारी प्रोत्साहन जारी रहे। सरकार कृषि में ड्रोन तकनीक के इस्तेमाल को बढ़ावा दे रही है।

इस समय विस्तार आदेश का स्वागत करते हुए, क्रॉपलाइफ इंडिया के महासचिव दुर्गेश चंद्र ने कहा कि इससे कृषि रसायन बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने में काफी मदद मिलेगी और विशेष रूप से ड्रोन दीदी योजना को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा, “ड्रोन तकनीक सटीक कृषि की दिशा में एक कदम होने के साथ-साथ पानी की भारी बचत में मदद करती है।”

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

Advertisements