किसानों के हित में केंद्र सरकार की बड़ी कार्रवाई, 7 हजार कीटनाशक कंपनियों के रजिस्ट्रेशन किए कैंसिल
04 मई 2024, इंदौर: किसानों के हित में केंद्र सरकार की बड़ी कार्रवाई, 7 हजार कीटनाशक कंपनियों के रजिस्ट्रेशन किए कैंसिल – गत दिनों किसानों के हित में केंद्र सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 7 हजार से अधिक कीटनाशक कंपनियों के रजिस्ट्रेशन कैंसिल कर दिए हैं। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि सरकार ने इन कंपनियों के लिए केवाईसी कराना अनिवार्य कर दिया था। जाँच के बाद 7 हज़ार से अधिक कीटनाशक कंपनियों द्वारा केवाईसी की प्रक्रिया को पूरा नहीं करने से इनके रजिस्ट्रेशन कैंसिल कर दिए हैं। इस कार्रवाई से कीटनाशक के नाम पर किसानों के साथ फर्जीवाड़ा करने वाली कंपनियों पर रोक लग जाएगी।
सभी जानते हैं कि भारत के किसान हर साल रबी, खरीफ व जायद फसलों में खेती में बेहतर पैदावार पाने के लिए खाद-बीज और कीटनाशकों पर बहुत खर्च करते हैं। किसानों को कृषि आदान उपलब्ध कराने के लिए देश में करीब 10 हज़ार आदान कंपनियां कार्यरत है। लेकिन बड़ी संख्या में किसानों की फसल नकली खाद-बीज व कीटनाशकों के कारण हर साल बर्बाद होती है। किसानों की इस गंभीर समस्या पर विचार कर केंद्र सरकार ने कीटनाशक कंपनियों के लिए केवाईसी कराना अनिवार्य कर दिया था। जिसकी जांच में कुल 9958 कीटनाशक कंपनियों में से 2585 कंपनियों द्वारा ही केवाईसी कराई गई ,शेष 7373 कंपनियों के द्वारा केवाईसी नहीं कराए जाने से इनके रजिस्ट्रेशन कैंसिल कर दिए हैं। कीटनाशक कंपनियों के लिए केवाईसी अनिवार्य किए जाने से सरकार के पास प्रत्येक कंपनी का डेटा आ जाएगा और शिकायत मिलने पर तुरंत कार्रवाई की जा सकेगी। साथ ही नकली कीटनाशक की बिक्री पर अंकुश लगेगा।
दवा कंपनियों को बिजनेस करने के लिए सेंट्रल इंसेक्टीसाइड्स बोर्ड एंड रजिस्ट्रेशन कमेटी (सीआईबीआरसी) से रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। अगर कोई कंपनी रजिस्ट्रेशन नहीं कराती है तो वह वैध रूप से बिजनेस नहीं कर सकती है।अब सरकार ने इसमें केवाईसी का नियम भी जोड़ दिया है। जो कंपनी अपना केवाईसी नहीं कराएगी उसका रजिस्ट्रेशन रद्द हो जाएगा। केंद्र ने इस संबंध में राज्य सरकारों को यह निर्देश भी दिया गया है कि जिन कंपनियों का रजिस्ट्रेशन कैंसिल हुआ है, उनके उत्पादों की बिक्री नहीं होनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड और पंजीकरण समिति (सीआईबीआरसी) ने कीटनाशकों के व्यापक पंजीकरण (सीआरओपी) पोर्टल में “अपनी कंपनी को जानें” (केवाईसी) आवश्यकता में बदलाव के संबंध में सार्वजनिक नोटिस जारी किए गए थे । क्रॉप पोर्टल भारत में कीटनाशकों के पंजीकरण के लिए एक वेब-आधारित एप्लिकेशन है।
सीआईबीआरसी भारत में कीटनाशक पंजीकरण के लिए आवेदकों द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों की समीक्षा करता है। डोजियर में कीटनाशक की रासायनिक संरचना, विषाक्तता, प्रभावकारिता और पर्यावरणीय प्रभाव जैसी जानकारी शामिल होनी चाहिए। पंजीकरण प्रमाणपत्र देने से पहले यह सुनिश्चित करने के लिए कि कीटनाशक सुरक्षा और प्रभावशीलता मानकों को पूरा करता है, इस हेतु सीआईबीआरसी अपने स्वयं के परीक्षण भी करा सकती है।
19 अप्रैल 2024 को रजिस्ट्रेशन कमेटी की बैठक डॉ पी के सिंह ,एग्रीकल्चर कमिश्नर एवं चेयरमेन रजिस्ट्रेशन कमेटी की अध्यक्षता में हुई थी, जिसमें यह निर्णय लिया कि जिन आवेदकों ने दिनांक 03.01.2024 के सार्वजनिक नोटिस के परिपालन में आरसी अनुमोदित प्रोफार्मा के अनुसार अपेक्षित जानकारी प्रदान की है, केवल उन्हीं उपयोगकर्ता खाते के संबंध में अन-फ्रीजिंग और विलय अनुरोधों पर विचार किया जाएगा। अन्य जो अपेक्षित डेटा प्रदान करने में विफल रहे हैं उन्हें अब से निष्क्रिय कर दिया जाएगा और प्रमाण पत्र, परमिट आदि को रद्द माना जाएगा। इस आशय की सूचना राज्यों के कृषि निदेशक को उनकी ओर से आवश्यक जानकारी के लिए और सार्वजनिक सूचना भी सीआईबी एंड आरसी के सचिवालय द्वारा जारी की जाएगी।
कीटनाशक संगठन का पक्ष – दूसरी तरफ एक प्रमुख कीटनाशक संगठन ने कृषक जगत को बताया कि लाइसेंस कानून के प्रावधानों के अनुसार जिन कीटनाशक कंपनियों ने केवाईसी नहीं करवाया है, उनके रजिस्ट्रेशन कैंसिल नहीं किए जा सकते हैं।
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