कम हुई गेहूं की सरकारी खरीदी
खरीद केन्द्रों पर सन्नाटा
08 मई 2024, नई दिल्ली(अतुल सक्सेना): कम हुई गेहूं की सरकारी खरीदी – देश एवं प्रदेश में इस वर्ष गेहूं की सरकारी खरीदी मंद गति से चल रही है। यदि यही रफ्तार रही तो विपणन वर्ष 2024-25 में खरीदी लगभग आधी रह जाएगी, क्योंकि केन्द्र सरकार ने प्रदेश को लगभग 100 लाख टन गेहूं खरीदी का लक्ष्य दिया है और 30 अप्रैल तक मात्र 36 लाख टन की खरीदी हो पायी है। जबकि गत वर्ष इस अवधि में लगभग 56 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी थी। मंडियों में समर्थन मूल्य से अधिक भाव मिलने के कारण किसानों ने ट्राली का मुख मंडियों की ओर मोड़ दिया है। जबकि सरकारी खरीदी केन्द्र सूने पड़े हैं। इसके अलावा लोकसभा चुनाव को भी कम खरीदी का कारण माना जा रहा है। देश में गत वर्ष की तुलना में लगभग 23 लाख टन कम गेहूं खरीदा गया है। कम खरीदी को देखते हुए प्रदेश सरकार ने गेहूं खरीदी की तारीख 20 मई तक बढ़ा दी है।
खरीदी की समय सीमा बढ़ी
प्रदेश में दूसरे अग्रिम उत्पादन अनुमान के मुताबिक वर्ष 2023-24 में लगभग 329 लाख टन से अधिक गेहूं उत्पादन का अनुमान लगाया गया है। प्रदेश में अब तक 100 लाख टन के विरुद्ध 36 लाख टन गेहूं की खरीद हुई है, जिसके लिए 4 लाख से अधिक किसानों को 7280 करोड़ का भुगतान किया गया है।
प्रदेश में सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदने के लिए इंदौर, उज्जैन, भोपाल और नर्मदापुरम संभाग के लिए सात मई और जबलपुर, रीवा, शहडोल, सागर, ग्वालियर और चंबल संभाग के लिए 15 मई तक अवधि निर्धारित की थी। कई स्थानों पर वर्षा और ओलावृष्टि के कारण उपज और उपार्जन का कार्य प्रभावित हुआ। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने 50 प्रतिशत तक चमकविहीन गेहूं लेने की छूट दी है। सभी कलेक्टरों को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने निर्देश दिए हैं कि वे पंजीकृत किसानों को इसकी सूचना दें ताकि वे अपनी सुविधा के अनुसार उपज लेकर उपार्जन केंद्र पहुंचे। प्रदेश में 15 लाख किसानों ने समर्थन मूल्य पर उपज बेचने के लिए पंजीयन कराया है।
ज्ञातव्य है कि गेहूं की एमएसपी 2275 पर प्रदेश में प्रति क्विंटल 125 रु. बोनस दिया जा रहा है जिससे कुल एमएसपी 2400 रुपए क्विंटल हो गई है। जबकि मंडियों में गेहूं 2600 से 2800 रुपए प्रति क्विंटल तक खरीदा जा रहा है।
राष्ट्रीय परिदृश्य
इधर देश के प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों में कम खरीद पर केन्द्र चिंतित है। सरकार ने वर्ष 2024-25 में 30 अप्रैल तक 196 लाख टन से अधिक गेहूं खरीदा है, जबकि राष्ट्रीय गरीब कल्याण योजना समेत सभी कल्याणकारी योजनाओं के लिए सालाना जरूरत 186 लाख टन है। खाद्यान्न की खरीद और वितरण के लिए सरकार की नोडल एजेंसी भारतीय खाद्य निगम अब बफर स्टॉक बढ़ाने के लिए 2024-25 सत्र में 310-320 लाख टन गेहूं खरीद के अपने लक्ष्य को पूरा करने के प्रयास कर रही है। केंद्र ने गत विपणन वर्ष 2023-24 में 261.97 लाख टन गेहूं की खरीद की थी।
हालांकि, गेहूं की खरीद पिछले साल की समान अवधि के 219.5 लाख टन से अब तक 11 प्रतिशत कम हुई है। इसका मुख्य कारण मध्य प्रदेश और पंजाब में कम खरीद का होना है।
देश में एमएसपी पर गेहूं खरीदी (लाख टन में -30 अप्रैल तक)
राज्य | 2023-24 | 2022-23 |
पंजाब | 90.4 | 103.0 |
हरियाणा | 61.2 | 57.6 |
मध्य प्रदेश | 36.0 | 56.0 |
उत्तर प्रदेश | 5.6 | 1.3 |
राजस्थान | 4.1 | 1.0 |
सभी राज्य | 196.2 | 219.5 |
इस वर्ष उत्पादन : केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अनुमान के मुताबिक, गेहूं का उत्पादन वर्ष 2023-24 में 1,120.19 लाख टन होगा, जबकि पिछले वर्ष में यह 1,105.54 लाख टन था। कुछ राज्यों में उम्मीद से अधिक पैदावार होने पर उत्पादन लगभग 1,150 लाख (115 मिलियन) टन तक भी पहुंच सकता है।
एफसीआई की खरीद : सूत्रों के मुताबिक एफसीआई, ने विभिन्न राज्यों के करीब 16 लाख किसानों से 2,275 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 45,000 करोड़ रुपये का गेहूं खरीदा है। पंजाब और हरियाणा में इस समय आवक अच्छी है एफसीआई को पंजाब से 130 लाख टन और हरियाणा से 70 लाख टन की खरीद की उम्मीद है। परन्तु 30 अप्रैल तक पंजाब में 90.4 लाख टन गेहूं की खरीद हुई है जबकि गत वर्ष अब तक 103 लाख टन हुई थी। इसी प्रकार हरियाणा में 61.2 लाख टन गेहूं खरीदा गया है जो गत वर्ष के 57.6 लाख टन से कुछ अधिक था। वहीं उत्तर प्रदेश में 5.6 लाख टन एवं राजस्थान में 4.1 लाख टन गेहूं खरीदा गया है। वर्ष 2023 के अब तक के 219.5 लाख टन के मुकाबले इस वर्ष 2024 में मात्र 196.2 लाख टन गेहूं खरीदा गया है। इस प्रकार लगभग 23 लाख टन की खरीदी में कमी आई है।
गेहूं की खरीद कम नहीं होगी, हम अपने अनुमानित खरीद लक्ष्य को हासिल करेंगे क्योंकि पंजाब और हरियाणा में गेहूं की अच्छी आवक हो रही है। एफसीआई इन दोनों राज्यों से लगभग 200 लाख टन गेहूं की खरीदी करेगा। – अशोक के. मीणा अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक. एफसीआई
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