राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

देश में जायद फसलों का रकबा बढ़ा

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अब तक 72.76 लाख हेक्टेयर में हुई बोनी

08 मई 2024, नई दिल्ली: देश में जायद फसलों का रकबा बढ़ा – देश में जायद (ग्रीष्मकालीन) फसलों का रकबा गत वर्ष की तुलना में बढ़ा है। अब तक 72.76 लाख हेक्टेयर में बोनी हुर्ई है जो गत वर्ष की तुलना में लगभग 5 लाख हेक्टेयर अधिक है। गत वर्ष अब तक 67.87 लाख हेक्टेयर में फसलें बोई गई थीं।

कृषि मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 4 मई तक जारी आंकड़ों के मुताबिक धान की बोनी 30.30 लाख हेक्टेयर में हुई है जो गत वर्ष से लगभग 2.75 लाख हेक्टेयर अधिक है। क्योंकि गत वर्ष अब तक 27.55 लाख हेक्टेयर में धान की बुवाई हो गई थी। इस वर्ष दलहनी फसलों का कुल क्षेत्र 20.20 लाख हेक्टेयर रहा वहीं वर्ष 2023 में कुल क्षेत्र 19.43 लाख हेक्टेयर क्षेत्र था। इसमें मुख्य रूप से मूंग 16.76 लाख हेक्टेयर में बोई गई है, जबकि गत वर्ष अब तक मूंग की बोनी 15.89 लाख हेक्टेयर में हुई थी। इसी प्रकार उड़द की बोनी 3.19 लाख हेक्टेयर में हो गई है, जो गत वर्ष अब तक 3.24 लाख हेक्टेयर में बोई गई थी। अन्य दलहनी फसलें भी 24 हजार हेक्टेयर में बोई गई हंै।

अब तक तिलहनी फसलों का कुल रकबा 10.19 लाख हेक्टेयर रहा वहीं गत वर्ष अब तक 9.83 लाख हेक्टेयर में बोनी हुई थी। इसके तहत मूंगफली की बुवाई 4.70 लाख हेक्टेयर में हुई है, जो गत वर्ष 4.63 लाख हेक्टेयर में हुई थी। इसी प्रकार तिल की बोनी 4.89 लाख हेक्टेयर में हो गई है, जो गत वर्ष 4.61 लाख हेक्टेयर में हुई थी। अन्य तिलहनी फसलों की बोनी भी 25 हजार हेक्टेयर में हो गई है।  

इसी प्रकार अब तक मोटे अनाज की बोनी 12.08 लाख हेक्टेयर में हुई है। जो गत वर्ष अब तक 11.05 लाख हेक्टेयर में हो गई थी। मोटे अनाजों के तहत बाजरा की बोनी 4.66 लाख हेक्टेयर में, मक्का 6.84 लाख हेक्टेयर में बोया गया है जो गत वर्ष क्रमश: 4.45 एवं 6.21 लाख हेक्टेयर में बोया गया था।

ग्रीष्मकालीन (जायद) फसलों की बुवाई स्थिति 4 मई तक (लाख हेक्टेयर)

फसल बुवाई का क्षेत्र 2024बुवाई का क्षेत्र 2023
चावल 30.3027.55
दालें 20.2019.43
मूंग16.7615.89
उड़द3.193.24
अन्य दालें0.240.29
तिलहन 19.199.83
मूँगफली4.704.63
सूरजमुखी0.340.32
तिल4.894.61
अन्य तिलहन0.250.27
मोटा अनाज 12.0811.05
बाजरा4.664.45
मक्का6.846.21
कुल 72.7667.87
देश में जायद फसलों का रकबा बढ़ा

नोट : कुल क्षेत्रफल के आंकड़े चार्ट से अलग हैं, क्योंकि सभी फसलों को चार्ट में शामिल नहीं किया गया है।

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