केवीके देवास में वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक आयोजित
13 जून 2023, देवास: केवीके देवास में वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक आयोजित – कृषि विज्ञान केन्द्र, देवास मे गत दिनों 32वीं वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक हाईब्रिड माध्यम से आयोजित की गई। उक्त कार्यक्रम में अध्यक्ष डॉ. वाय.पी.सिंह, निदेशक विस्तार सेवाएं,रा.वि.सिं.कृ.वि.वि, ग्वालियर के प्रतिनिधि के तौर पर डॉ. रमेश आसवानी, डॉ. नीरज हाड़ा , वैज्ञानिक,रा.वि.सिं.कृ.वि.वि., अधिष्ठाता, कृषि महाविद्यालय, इंदौर के प्रतिनिधि डॉ. अशोक शर्मा, निदेशक, अटारी-जबलपुर के प्रतिनिधि डॉ. ए.के.राउत, भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान, इंदौर से डॉ. बुद्धेश्वर दुपारे के साथ-साथ कृषि
विज्ञान केन्द्र, इंदौर, उज्जैन, एवं शाजापुर से क्रमश: डॉ. राधेश्याम टेलर, डॉ. हंसराज जाटव एवं डॉ. डी.के. द्वारा भागीदारी की गई।इसके साथ ही जिले के कृषि संबद्ध विभागों के प्रमुख श्री आर.पी. कनेरिया, उप-संचालक कृषि, श्रीमती नीलम चौहान, परियोजना संचालक आत्मा, डॉ. प्रदीप कुमार पंड्या, अतिरिक्त उप-संचालक, पशुपालन विभाग,श्रीमती कल्पना चतुर्वेदी, सहायक संचालक प्रतिनिधि, मत्स्य विभाग, श्री पी.एस.ठाकुर, एन.आर.एल.एम, देवास, श्री चंद्रेश अमरावंषी, उप-संचालक प्रतिनिधि, उद्यानिकी विभाग, सहायक यंत्री, कृषि अभियांत्रिकी के प्रतिनिधि श्री अंशुल बारोड़ के साथ-साथ जिले के विभिन्न कृषक उत्पादन संगठन एवं गैर-शासकीय संस्थाओं के अधिकारीगणउपस्थित थे।
बैठक में सर्वप्रथम केन्द्र के प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. ए.के.बड़ाया ने कार्यक्रम ने कार्यक्रम की रूपरेखा एवं उद्देश्य के बारे में बताया। डॉ. महेन्द्र सिंह, शस्य वैज्ञानिक द्वारा विगत 6 माह में की गई गतिविधियों का प्रगति प्रतिवेदन एवं आगामी 06 माह की प्रस्तावित कार्ययोजना के बारे में विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया गया। डॉ. रमेश आसवानी ने बताया कि उद्यानिकी फसलों में आधार खाद की तुलना में तरल उर्वरकों के प्रयोग की आवश्यकता पर ज़ोर दिया और कहा कि खेती में प्राकृतिक खादों का प्रयोग करें। डॉ. अशोक शर्मा ने बताया कि समन्वित खेती प्रणाली की आवश्यकता बताई और क्षेत्र में बकरी पालन बढ़ाने पर भी जोर दिया डॉ. ए.के.राउत ने प्रस्तुतीकरण की प्रशंसा कर क्षेत्र में जैव-संवर्द्धित किस्मों के विस्तार का सुझाव दिया।डॉ. बुद्धेश्वर दुपारे ने किसानों से बीजोपचार कर ही सोयाबीन की बुवाई करने और तरल जैव उर्वरकों के उपयोग पर जोर दिया। डॉ. राधेश्याम टेलर ने फसल विवधिकरण पर ज़ोर दिया , जबकि डॉ. हंसराज जाटव ने किसानों को सोयाबीन की एक ही किस्म पर निर्भर ना रहकर अन्य किस्मों का प्रयोग करने की सलाह दी। डॉ. डी.के.तिवारी ने केन्द्र द्वारा किए जाने वाले कार्यों की सराहना की।
श्री आर.पी.कनेरिया ने फसल विवधिकरण व खरीफ में सोयाबीन की दो से अधिक किस्मों के प्रयोग लगाने का सुझाव दिया एवं केन्द्र केकार्यों की सराहना की।श्रीमती नीलम चौहान ने फसल अवशेष प्रबंधन एवं प्राकृतिक खेती पर विशेष जोर दिया। श्री अंशुल बारोड़ ने केन्द्र पर ड्रोन प्रशिक्षण द्वारा कृषकों को कुशल बनाने की सलाह दी। डॉ. प्रदीप पंड्या ने केन्द्र द्वारा बकरी पालन हेतु वर्षभर हरे चारे की व्यवस्था हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जाने का सुझाव दिया। श्रीमती कल्पना चतुर्वेदी ने मत्स्य विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी देकर कृषकों को मत्स्य बीज संचय हेतु सुझाव दिये। इस बैठक में जिले के प्रगतिशील कृषकों के साथ-साथ केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. निशीथ गुप्ता, डॉ. महेन्द्र सिंह,डॉ. मनीष कुमार, डॉ. लक्ष्मी, श्रीमती नीरजा पटेल , श्री विनेश मुजाल्दा, श्रीमती अंकिता पाण्डेय, श्रीमती सविता कुमारी एवं श्री पवन कुमार राजपूत की सराहनीय भूमिका रही।
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