मध्य प्रदेश में निमाड़ की 2 माइक्रो सिंचाई योजनाओं से सवा लाख एकड़ को मिलेगा पानी, मुख्य मंत्री चौहान करेंगे उद्घाटन
14 जुलाई 2023, खरगोन/बड़वानी: मध्य प्रदेश में निमाड़ की 2 माइक्रो सिंचाई योजनाओं से सवा लाख एकड़ को मिलेगा पानी, मुख्य मंत्री चौहान करेंगे उद्घाटन – मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा दो बहुउद्देशीय माइक्रो सिंचाई परियोजनाएं रविवार को जनता को समर्पित करेंगे। इन दोनों परियोजनाओं से कई ऐसे किसान लाभान्वित होंगे जिनके खेतों में पहली बार किसी उच्च तकनीक के सहारे पानी पहुँचेगा। नागलवाड़ी माइक्रो उद्वहन सिंचाई योजना और पाटी सूक्ष्म उद्वहन सिंचाई योजना से ऐसे क्षेत्र सिंचित होंगे। जहां लंबे समय से किसान खासकर जनजातीय समुदाय के कृषक प्राचीन सिंचाई तकनीक पाट से कृषि करते रहें है। अब बदले दौर में बड़वानी जिले के पाटी क्षेत्र और खरगोन में सेगांव और भगवानपुरा के क्षेत्र के किसान फव्वारा पद्धति से खेतों को सिंचित कर पाएंगे। नागलवाड़ी माइक्रो उद्वहन सिंचाई योजना से बड़वानी-खरगोन जिले की कुल 117500 एकड़ भूमि सिंचित होगी जबकि पाटी सिंचाई योजना से 5940 एकड़ भूमि में पानी पहुचेंगा।
खरगोन, बड़वानी के 50 हज़ार किसानों को लाभ होगा
मुख्यमंत्री श्री चौहान के नर्मदा सिंचाई अभियान के तहत निमाड़ के दो जिलों के पहाड़ी क्षेत्र में पानी पहुँचना अपने आप में एक अद्भुत क्रांति की शुरुआत होगी। दो जिलों के 147 गांवों के 41423 किसानों को खेतों में सीधे पानी मिलेगा । साथ ही निमाड़ के दोनों जिलों के मजदूरों को अधिक लाभ होने की उम्मीद है। क्योंकि पानी नहीं होने से यहां के किसानों को मजदूरी पर जाना पड़ता था। अब वहीं मजदूर अपने खेतों पर खेती कर सकेंगे।
पाट तकनीक में श्रम और माइक्रो सिंचाई में मशीन का योगदान
नहरों का विकास तो जनजातीय समुदाय के किसानों ने वर्षाें पूर्व कर लिया था। यहाँ के जनजातीय समुदाय के लोगों ने नालों और नदी किनारे पर रह कर पाट का विकास किया। इस पाट के सहारे निचले स्थान से ऊपर तक पानी पहुंचाने का अपना एक अलग तरीका इस समुदाय के पास था। इसमें अत्यधिक मेहनत होने के बावजूद इन विधि से खेती करते रहें है। यह तकनीक तालाबों से भी होती रही है। आज बदलते दौर में उद्वहन करके पानी को निचले स्थल से ऊपर की ओर लाया जाता है। लेकिन यह कार्य मशीनों के सहारे किया जाता है।
योजनाओं का तकनीकी पहलू
खरगोन व बड़वानी जिले के किसानों के लिए बनी नागलवाड़ी माइक्रो उद्वहन सिंचाई योजना 1173.03 करोड़ और बड़वानी की पाटी सूक्ष्म उद्वहन सिंचाई योजना 155.72 करोड़ की लागत से पूरी हुई है। नागलवाड़ी योजना में 7 पम्प हॉउस ब्रम्हणगांव, अजंदी, बरसलाय, बढा, बोबलवाड़ी, लेहकु और रुई में बनाये गए हैं। पाटी योजना में बिजासन और घुंघसी में पम्प हॉउस बनाये गए हैं। पाटी का कुल कमांड क्षेत्र 17154 हे., सिंचित योग्य क्षेत्र 5940 हे., प्रति हे. लागत 2.02 लाख राइजिंग मेन की कुल लंबाई 14.15 किमी.डिसनेट की लंबाई 519.67 किमी. और इन योजना में आवश्यक विद्युत क्षमता 5.37 मेगावाट उपयोग होगी।
नर्मदा सिंचाई अभियान और पर ड्राप मोर क्राप
इन योजनाओं से नर्मदा सिंचाई अभियान की योजनायें प्रत्येक 2.5 हेक्टेयर चक तक भूमिगत पाइप लाइनों से दाबयुक्त जल पहुंचाने पर आधारित हैं। इससे किसान ड्रिप या फौव्वारा पद्धति द्वारा कम जल से परम्परागत सिंचाई की तुलना में दो गुना अधिक क्षेत्र में सिंचाई कर सकेंगे। भूमिगत जल वितरण व्यवस्था से कृषि भूमि का स्थाई भू-अर्जन नहीं होगा, डूब क्षेत्र नहीं बनेगा। विस्थापन और पुनर्वास की आवश्यकता नहीं होगी। योजना का संचालन स्काडा पद्धति से किया जायेगा जिससे किसानों को फसल की आवश्यकतानुसार निश्चित समय पर आवश्यक जल उपलब्ध कराया जायेगा। इससे बिजली खर्च में बचत होगी। माइक्रो सिंचाई पद्धति से कृषि उत्पादन की मात्रा और गुणवत्ता बढ़ेगी।
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