मांज़ो का एक वार, खत्म सफेद मक्खी परिवार
14 जुलाई 2021, इंदौर । मांज़ो का एक वार, खत्म सफेद मक्खी परिवार – प्रसिद्ध कीटनाशक कम्पनी सुमिटोमो केमिकल इण्डिया लि. ने कपास की फसल को हानि पहुंचाने वाली सफेद मक्खी की परेशानी को दूर करने के लिए गत दिनों एक नया, अनोखा और असरदार उत्पाद मांज़ो आभासी रूप से लांच किया। मांज़ो, सफेद मक्खी और उसके परिवार को एक ही वार में ख़त्म कर देता है।
मांज़ो एक : समाधान अनेक
नए उत्पाद की विशेषताएं बताते हुए कम्पनी की बिजनेस मैनेजर (इंसेक्टिसाइड ) गुरदीप कौर भोगल ने बताया कि कपास की फसल में सफ़ेद मक्खी और निम्फ पत्तों का रस चूसकर उन्हें चिपचिपा बना देते हैं। पत्तों पर जमी उल्ली से प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में बाधा होने से पत्ते झड़ जाते हैं और पौधे कमजोर हो जाते हैं। इसका समाधान है-मांज़ो। मांज़ो एक अंतर्प्रवाही और सम्पर्क कीटनाशक है, जिसके एक ही छिड़काव से रस चूसक कीट,सफ़ेद मक्खी, हरा तेला,काला तेला और थ्रिप्स को ख़त्म कर देता है, क्योंकि मांज़ो दो कीटनाशकों का बेहतरीन सम्मिश्रण है। यह न केवल कीट के पाचन तंत्र को कमज़ोर करता है, बल्कि सफ़ेद मक्खी का सम्पर्क होते ही उसके सम्पूर्ण जीवन चक्र (अंडा,निम्फ और वयस्क) की वृद्धि पर रोक लगाकर अंडे देने की क्षमता को नष्ट कर देता है। मांज़ो में ट्रांसलेमीनर प्रक्रिया और वाष्प क्रिया भी होती है ,जो पौधे में छुपे कीटों को ख़त्म करती है। मांज़ो के लाभ गिनाते हुए कहा कि इसके छिड़काव से सफेद मक्खी और रस चूसक कीटों द्वारा पत्तों का रस चूसना तुरंत बंद हो जाता है , जिससे पौधे स्वस्थ रहते हैं। फूलों और फलों की संख्या भी बढ़ जाती है। फसल हरी भरी रहती है और उपज में भी भरपूर वृद्धि होती है।
उपयोग विधि
अच्छे नतीज़ों के लिए 10-15 दिनों में दूसरा छिड़काव करें। 400 मिली लीटर मांज़ो का 150 -200 लीटर पानी के साथ घोल बनाकर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें। प्रभावी परिणाम के लिए 15 लीटर वाली छिड़काव -घोल की टंकी में 5 मिली लीटर श्योर शॉट मिलाएं। ख़ास बात यह है कि छिड़काव के कुछ घंटों बाद बारिश होने पर भी मांज़ो असरदार रहता है।