फरवरी 2022 में होंडा इंडिया पावर प्रोडक्ट्स लिमिटेड ने छुआ 50 लाख उत्पादन का आंकड़ा
1988 से ही गर्व के साथ मेकिंग इन इंडिया के अभियान से जुड़ी है कंपनी, जनरेटर, कृषि औजारों व विभिन्न उपकरणों को इंजन बनाने में अग्रणी है कंपनी
1 मार्च 2022, नई दिल्ली । फरवरी, 2022 में होंडा इंडिया पावर प्रोडक्ट्स लिमिटेड ने छुआ 50 लाख उत्पादन का आंकड़ा – भारत में पावर प्रोडक्ट्स की अग्रणी निर्माता होंडा इंडिया पावर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (एचआईपीपी) ने फरवरी, 2022 में कुल 50 लाख यूनिट उत्पादन के मील के पत्थर को सफलतापूर्वक पार कर लिया है। एचआईपीपी लगातार वैश्विक मानकों के साथ नवीनतम प्रौद्योगिकी उत्पादों को पेश कर रही है और 1985 से ही अपने ग्राहकों के लिए खुशी ला रही है।” लोगों को बेहतर करने में सक्षम बनाने” के अपने दृष्टिकोण के अनुरूप कंपनी अपने मूल्यवान ग्राहकों की प्रगति में एक विश्वसनीय भागीदार रही है।
एचआईपीपी ने 1988 में रुद्रपुर कारखाने में पोर्टेबल जेनरेटर मॉडल ईएम 650 नामक अपना पहला उत्पाद लॉन्च किया था। ग्राहकों की मजबूत मांग से उत्साहित होकर कंपनी ने जल्द ही एक बड़े और विविधता वाले बाजार की अलग-अलग मांगों को पूरा करने वाले अन्य जनरेटर मॉडल लॉन्च किए। एचआईपीपी ने 1989 में निर्यात बाजारों में प्रवेश किया और इसके उत्पादों को प्रतिस्पर्धी विदेशी बाजारों में बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली। घरेलू और विदेशी बाजारों में विभिन्न ग्राहकों के जीवन को प्रकाशित करने के बाद एचआईपीपी ने 1991 में इंजन रेंज और 1992 में वाटर पंप रेंज का उत्पादन शुरू करके कृषि उपकरणों के क्षेत्र में कदम रखा। देशभर के किसानों ने पोर्टेबल, विश्वसनीय व दक्ष इंजन और समय पर सिंचाई, छिड़काव व मशीनीकरण की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम वाटर पंप को सराहा है। वर्ष 1995 में एचआईपीपी ने लगातार बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए पुडुचेरी में अपना दूसरा विनिर्माण संयंत्र स्थापित किया। एचआईपीपी ने 2000 में पुनर्गठन किया और अपने उत्पादन संयंत्रों को ग्रेटर नोएडा में अपने वर्तमान “स्टेट ऑफ द आर्ट” कारखाने में मिला दिया। इससे प्रदर्शन एवं गुणवत्ता के मामले में नए मानक स्थापित करने वाले उत्पादों के विनिर्माण के साथ कंपनी “लोगों को काम करने में मदद करने” के अपने मिशन पर आगे बढ़ी और अर्थव्यवस्था को भी गति मिली।
होंडा इंडिया पावर प्रोडक्ट्स लिमिटेड के प्रेसिडेंट एवं सीईओ और सीएमडी, ताकाहिरो उएदा ने कहा, “हम भारत और सभी स्थानीय लोगों के समर्थन और सहयोग की बदौलत 50 लाख यूनिट के उत्पादन में सक्षम हुए हैं। हमारे सप्लायर और पार्टनर हमेशा हमारे साथ खड़े रहे और हमारे साझा दृष्टिकोण में विश्वास किया, जिससे महामारी के मुश्किल समय में भी हम लगातार डिस्ट्रीब्यूशन में सक्षम हुए। मैं उनके प्रयासों के लिए हमेशा आभारी रहूंगा। हमारे डीलर नेटवर्क, चैनल पार्टनर्स ने 3एस – सेल्स, सर्विस और स्पेयर पार्ट्स सपोर्ट प्रदान करने में हमारी शाखाओं के रूप में उत्कृष्ट भूमिका निभाई, जिससे हमारे ग्राहकों के लिए बेहतर अनुभव सुनिश्चित हुआ। एचआईपीपी भारत और उसके समाज में योगदान देना जारी रखेगी।”
होंडा इंडिया पावर प्रोडक्ट्स लिमिटेड के बारे में :
1985 में भारतीय बाजार में प्रवेश करने वाली एचआईपीपी शुरुआती जापानी कंपनियों में से एक है और भारत–जापान के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करने में योगदान करती है। स्थापना के बाद से ही कंपनी पावर बैकअप, कृषि और कंस्ट्रक्शन के क्षेत्र में पूरे भारत में अपने ग्राहकों को अभिनव, पर्यावरण के अनुकूल और सेगमेंट के सर्वश्रेष्ठ उत्पाद प्रदान कर रही है।
एक सतर्क कॉर्पोरेट के रूप में कंपनी ने सामुदायिक विकास कार्यक्रमों में भाग लिया है और अपने ग्रेटर नोएडा कारखाने में रोजगार के अवसर पैदा करने में मदद की है। एचआईपीपी ने भारत के विभिन्न क्षेत्रों में आपदा राहत कार्यों में नियमित रूप से सहयोग किया है, जिसमें हाल ही में कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए सहायता प्रदान करना शामिल है।
कंपनी का नाम होंडा इंडिया पावर प्रोडक्ट्स लिमिटेड
शेयरधारिता होंडा मोटर कंपनी लिमिटेड : 66.7%, सार्वजनिक: 33.3%
स्थापना सितंबर, 1985
पूंजी 10.14 करोड़ रुपये
स्थापना ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश
प्रतिनिधि ताकाहिरो उएदा – सीएमडी, प्रेसिडेंट एवं सीईओ
कर्मचारियों की संख्या लगभग 1,400
मुख्य मॉडल्स पोर्टेबल जनरेटर, वाटर पंप, इंजन, टिलर
सालाना उत्पादन क्षमता 350,000 यूनिट
होंडा इंडिया पावर प्रोडक्ट्स लिमिटेड के कुछ अहम पड़ाव
वर्ष | माह | उपलब्धि |
1985 | सितंबर | कंपनी की स्थापना हुई |
1988 | फरवरी | रुद्रपुर, उत्तराखंड में पोर्टेबल जनरेटर के साथ उत्पादन की शुरुआत हुई |
1989 | मार्च | एचआईपीपी के उत्पादों का निर्यात शुरू हुआ |
1991 | फरवरी | केरोसिन से चलने वाले इंजन का उत्पादन शुरू हुआ |
1992 | फरवरी | पोर्टेबल वाटर पंप के उत्पादन के साथ कृषि उपकरणों के क्षेत्र में कदम रखा |
1995 | सितंबर | पुडुचेरी में दूसरा कारखाना स्थापित किया गया |
2000 | दिसंबर | मैन्युफैक्चरिंग को उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा स्थित कारखाने में एकीकृत कर दिया गया |
2002 | जुलाई | एचआईपीपी ने 10 लाख उत्पादन का आंकड़ा पार किया |
2009 | जून | एचआईपीपी ने 20 लाख उत्पादन का आंकड़ा पार किया |
2013 | फरवरी | जीएक्स इंजन का उत्पादन शुरू हुआ |
2013 | सितंबर | एचआईपीपी ने 30 लाख उत्पादन का आंकड़ा पार किया |
2016 | अप्रैल | पावर टिलर एफ300 का उत्पादन शुरू किया |
2018 | अगस्त | एचआईपीपी ने 40 लाख उत्पादन का आंकड़ा पार किया |
2020 | सितंबर | एचआईपीपी ने स्थापना की 35वीं सालगिरह मनाई |
2022 | फरवरी | 50 लाख उत्पादन का आंकड़ा पार किया |
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