इस वर्ष मध्य प्रदेश में गेहूं उत्पादन 20 लाख टन कम होगा
कृषि विभाग ने लगाया अनुमान
13 अप्रैल 2024, भोपाल: इस वर्ष मध्य प्रदेश में गेहूं उत्पादन 20 लाख टन कम होगा – मध्य प्रदेश में दूसरे अग्रिम उत्पादन अनुमान के मुताबिक इस वर्ष 2023-24 में लगभग 20 लाख टन गेहूं उत्पादन कम होने का अनुमान है जबकि देश में लगभग 14 लाख टन गेहूं उत्पादन बढऩे का अनुमान लगाया गया है। गेहूं राज्य समझे जाने वाले मध्य प्रदेश में गेहूं उत्पादक किसानों को बेमौसम बरसात, ओलावृष्टि झेलना पड़ी, वहीं दलहन-तिलहन का रकबा बढ़ा है। जो गेहूं के एवज में ही है। इसी के साथ-साथ देश में चल रहे विधानसभा-लोकसभा चुनाव के कारण किसान किसानी भी प्रभावित हुई है।
प्रदेश कृषि विभाग के दूसरे अग्रिम उत्पादन अनुमान के मुताबिक इस वर्ष गेहूं, तिल एवं गन्ने का उत्पादन घटने की संभावना है। इस वर्ष राज्य में गेहूं 92.10 लाख हेक्टेयर में बोया गया है तथा उत्पादन 329.72 लाख टन होने का अनुमान है जबकि गत वर्ष 349.77 लाख टन गेहूं उत्पादन हुआ था। इस वर्ष उत्पादन में कमी का कारण रकबे में कमी, बेमौसम बरसात एवं ओलावृष्टि को माना जा रहा है। केन्द्र सरकार ने मध्य प्रदेश को इस वर्ष लगभग 100 लाख टन गेहूं समर्थन मूल्य पर खरीदने का लक्ष्य दिया है। जबकि देश में कुल 320 लाख गेहूं की खरीदी एमएसपी पर की जाएगी। मध्य प्रदेश के लिए गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष खरीदी लक्ष्य लगभग 40 फीसदी ज्यादा है। गत वर्ष लगभग 71 लाख टन गेहूं की खरीदी हुई थी।
इधर कृषि मंत्रालय भारत सरकार के दूसरे अग्रिम उत्पादन अनुमान के मुताबिक देश में गेहूं का उत्पादन रिकॉर्ड 112.01 मिलियन टन होने का अनुमान लगाया है। गेहूं का उत्पादन फसल वर्ष 2022-23 में प्राप्त 110.55 मिलियन टन के पिछले रिकॉर्ड से 1.46 मिलियन टन अधिक होने का अनुमान है।
कृषि मंत्रालय ने कहा कि खरीफ फसल उत्पादन अनुमान तैयार करते समय फसल कटाई प्रयोग (सीसीई) आधारित उपज पर विचार किया गया है।रबी फसल का उत्पादन प्रारंभिक बोए गए क्षेत्र की रिपोर्ट और औसत उपज पर आधारित होता है।
इस वर्ष गेहूं के प्रमुख उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात में रकबा कम हुआ है, लेकिन हरियाणा और उत्तर प्रदेश में ज्यादा क्षेत्रफल में बोआई हुई है।
देश में 310 से 320 लाख टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा गया है, जो पिछले साल हुई 260 लाख टन खरीद से अधिक होगी। इस साल गोदामों में भंडारण बढ़ाने के लिए ज्यादा खरीद जरूरी है, क्योंकि पिछले कुछ साल से कम खरीदारी के कारण गेहूं का भंडार कई साल के निचले स्तर पर है।
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)