फसल की खेती (Crop Cultivation)

गेहूँ की फसल तना मक्खी, तना छेदक, मकड़ी, मोयला तथा दीमक का प्रकोप हो तो क्या करे ?

16 दिसम्बर 2023, भोपाल: गेहूँ की फसल तना मक्खी, तना छेदक, मकड़ी, मोयला तथा दीमक का प्रकोप हो तो क्या करे ? – गेहूँ की फसल में कभी कभी कीट का प्रकोप भी देख जाता है। इन कीटों में तना मक्खी (सूट फ्लाई), तना छेदक (स्टेम बोरर), मकड़ी, मोयला तथा दीमक का प्रकोप होता है। दीमक का प्रकोप होने पर एक एक कर पौधे सूखने लगते है तथा खींचने पर पौधा आराम से खिंच आता है। 

इसके लिये क्लोरोपाइरीफाॅस 20 ईसी की 1 लीटर अथवा इमीडाक्लपारीड 17.5 ईसी की 60 ग्राम सक्रिय तत्व प्रति हैक्टेयर मात्रा को 80-100 किग्रा. मिट्टी में अच्छी तरह से मिलाकर खेत में बिखेर दें तथा तुरन्त पानी लगादें। तना मक्खी का प्रकोप फसल निकलने के कुछ समय बाद ही शुरु हो जाता है। इसके लिये मोनोक्रोटोफ़ोस का 400 ग्राम या इमीडाक्लोरोपरिड का 40 ग्राम सक्रिय तत्व प्रति हैक्टेयर का छिड़काव कर देना चाहिए। स्टेम बोरर (तना छेदक) के लिए क्यूनाॅलफाॅस 25 ईसी का 250 ग्राम सक्रिय तत्व का छिड़काव फायदेमंद रहता है। यदि खेत में मकडी या मोयलें का प्रकोप हो तो क्यूनोलफॅास 250 ग्राम या ट्राइजोफ़ोस 40 ईसी का 400 ग्राम या क्लोरोपाइरीफ़ोस का 200 ग्राम या इमीडाक्लोरोपरिड का 20 ग्राम सक्रिय तत्व प्रति है. की दर से फसल पर छिड़काव करना चाहिए। 

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