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देश की आर्थिक स्थिति मजबूत करने में पशुपालन की अहम भूमिका : राज्यपाल

जयपुर में पशुधन उत्पादन एवं प्रबंधन पर राष्ट्रीय वैज्ञानिक सम्मेलन

जयपुर। राजस्थान पशुुचिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय द्वारा ‘कृषि अर्थव्यवस्था और उद्यमशीलता बढ़ाने हेतु उच्च गुणवत्ता वाले पशु उत्पादों को प्राप्त करने के लिए पशुधन प्रबंधन के प्रतिमानों में बदलाव’ विषय पर राज्य कृषि पशुधन प्रबंधन संस्थान दुर्गापुरा, जयपुर में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय वैज्ञानिक सम्मेलन गत दिनों संपन्न हुआ। सियाम ऑडिटोरियम में समापन समारोह के मुख्य अतिथि श्री कलराज मिश्र, राज्यपाल, राजस्थान ने कहा कि अगर सही तरीके से पशुपालन क्षेत्र का विकास किया जाये तो यह देश की आर्थिक स्थिति मजबूत करने में अहम भूमिका योगदान कर सकता है। पशुधन राजस्थान के किसानों की जीवन रेखा है तथा ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार व आय का प्रमुख साधन है। उन्होंने कहा कि समय की मांग है कि ग्रामीण किसानों, महिलाओं, युवाओं आदि को पशुपालन की आधुनिकतम तकनीक से अवगत कराकर उनके आय में वृद्धि की जाये। पशुपालन के क्षेत्र में राजुवास के योगदान की चर्चा करते हुये उन्होंने कहा कि इस वेटरनरी विश्वविद्यालय का स्वदेशी गौवंश नस्लों के संरक्षण में योगदान सराहनीय है।

समापन समारोह में स्वागत भाषण में वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विष्णु शर्मा ने सम्मेलन के दौरान आयोजित किये गये विभिन्न तकनीकी सत्रों के परिणामों से सभी को अवगत कराया। कुलपति ने बताया कि सम्मेलन के दौरान पशुपालक-उद्यमी- वैज्ञानिक संवाद तथा पशुधन उद्यमिता के क्षेत्र मेे स्टार्टअप विषय पर दो विशेष सत्रों का आयोजन किया गया।

वेटरनरी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. ए.के. गहलोत ने बताया कि पषुपालन की नई तकनीकों को किसानों तक पहुंचाकर उनकी आय दुगुनी करने में महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। वेटरनरी विश्वविद्यालय, मथुरा के कुलपति, प्रो. जी.के. सिंह ने अपने उद्बोधन में पषुपालन के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों को किसानों तक पहुंचाने तथा क्षेत्र विशेष पशुपालन नीतियां बनाने की जरूरत पर बल दिया। प्रो. जे.एस. सन्धु, कुलपति, जोबनेर कृषि विशवविद्यालय भी मंच पर उपस्थित थे।

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