राज्य कृषि समाचार (State News)पशुपालन (Animal Husbandry)

यू बाबू ने बनाया देश का सबसे बड़ा गधों का फार्म, गधी के दूध से हो रही लाखों की कमाई  

15 मई 2023, तमिलनाडु: यू बाबू ने बनाया देश का सबसे बड़ा गधों का फार्म, गधी के दूध से हो रही लाखों की कमाई – किसानों की आय को बढ़ाने के लिए सरकार कई सारी योजनांए चला रही हैं। किसानों की आय में वृध्दि के लिए सरकार कृषि के अलावा विभिन्न सम्बद्ध व्यवसाय  जैसे पशुपालन, बीज, डेयरी पालन आदि के प्रति किसानों को जागरूक कर रही हैं। किसान भी  अपनी आय को बढ़ाने के लिए खेती के साथ नए प्रयोगों को अपना रहे हैं। 

ऐसे में बहुत से किसान आमतौर पर पशुपालन में गाय, भैंस, बकरी, ऊंट, भेड़  आदि पशु का पालन कर उनके दूध को बेचते हैं लेकिन कम ही लोग हैं जो डेयरी क्षेत्र में गधा पालन करते हैं। सदियों से बहुत सारे लोग गधे का सिर्फ सामान ढोने के लिए उपयोग करते हैं लेकिन आज भी बहुत ही कम लोग होते हैं जो गधा/गधी पालन के फायदे के बारे में जानते हैं। ये वजन ढोने वाले पशु बहुत ही फायदेमंद साबित हुए हैं और ये गाय-भैंस से भी ज्यादा मुनाफा देने वाले हैं। 

तमिलनाडु के वन्नारपेट के रहने वाले यू. बाबू ने डॉन्की  फ़ार्म की शुरुआत कर साबित कर दिया हैं कि गधा पालन भी एक बहुत ही बढ़िया उद्योग हैं। यू. बाबू गधा फार्म  से अच्छा खासा मुनाफ़ा कमा रहे हैं। यू. बाबू आज भारत के सबसे बड़े डॉन्की फार्म के मालिक हैं। 

यू. बाबू ने कैसे की गधा पालन की शुरूआत ?

स्कूल ड्रॉपआउट होने के बावजूद भी यू. बाबू के अंदर उद्यमशीलता की भावना और उनके उद्यमी बनने के गुण ने उन्हें प्रेरित किया। उन्होंने इतने सारे व्यवसायों से हटकर कुछ सोचा और गधा पालन को चुनकर डॉन्की फार्म की शुरूआत की। यू. बाबू की टीम ने आईसीएआर-राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र में उद्यमिता विकास कार्यक्रम में भाग लिया, जहां उन्होंने गधों और गधों की खेती के बारे में तकनीकी ज्ञान प्राप्त किया। इसके अलावा, आईसीएआर – एनआरसीई ने यू. बाबू को गधा फार्म “द डोंकी पैलेस” स्थापित करने के लिए कुलीन पोटू गधों (Poitu donkeys) की सुविधा उपलब्ध कराई। 

तमिलनाडु में गधों की सीमित संख्या से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद यू. बाबू आज देश के सबसे बड़े डान्की फार्म के मालिक हैं इनके डॉन्की फार्म का नाम द डॉन्क पैलेस हैं। दरअसल गधी का दूध महंगा और फायदेमंद तो बहुत होता हैं लेकिन एक गधी 6 महीने में सिर्फ एक लीटर से भी कम दूध देती हैं। इसलिए भी गधी का दूध मंहगा होता हैं। यू. बाबू ने अपनी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प से इस व्यवसाय में सफलता पाकर उद्योग और रोजगार के नए रास्ते भी खोले हैं। 

यू. बाबू के “द डोंकी पैलेस” में कितने गधे हैं?

यू. बाबू वर्तमान में अपने फार्म के अंदर 5 हजार गधों का पालन कर रहे हैं। साथ ही उनके  75 से अधिक फ्रेंचाइजी फार्म हैं। यू. बाबू ने डॉन्की फार्म के साथ ही गधों के संरक्षण के लिए वन हेल्थ-वन सॉल्यूशन नाम से एक सरंक्षण, रिक्रिएशन और जागरुकता केंद्र’ की भी स्थापना की। इस केंद्र का उद्देश्य गधों के मूल्य और समाज और अर्थव्यवस्था में योगदान को बढ़ावा देना है।

गधी के दूध से बने किन उत्पादों की कर रहे बिक्री यू. बाबू ?

द डोंकी पैलेस के निर्माता यू. बाबू गधी के दूध के साथ ही गधी के दूध का पाउडर भी बेचते हैं। गधे के मूत्र का उपयोग सिध्द दवा बनाने और फार्मा इंडस्ट्री में किया जाता है और गोबर का उपयोग उर्वरक बनाने के लिए किया जाता हैं। यू. बाबू गधों की नस्लों का संरक्षण करने के साथ ही गधों के प्रति  निराशावादी धारणा को खत्म करना चाहते है।

द डोंकी पैलेस” की सफलता युवाओं के लिए हैं प्रेरणा

यू. बाबू की सफलता हर जगह युवा उद्यमियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है । गधी के दूध अपने उच्च पोषण और चिकित्सीय मूल्य गुणों के कारण इसकी मांग दुनियाभर में बढ़ रही हैं, ऐसे में उद्यमी युवाओं के लिए गधा पालन एक अच्छा उद्योग साबित हो सकता हैं। यू. बाबू की यह सफलता सभी युवाओं के लिए एक प्रेरणास्त्रोत हैं।

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