State News (राज्य कृषि समाचार)

Madhya Pradesh: कृषि वैज्ञानिकों ने उकठा रोग से बचाव हेतु जैव नियंत्रक बनाया

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14 मार्च 2024, जबलपुर: कृषि वैज्ञानिकों ने उकठा रोग से बचाव हेतु जैव नियंत्रक बनाया –  कृषि महाविद्यालय जबलपुर के पौध कार्यिकी विभाग के प्राध्यापक डॉ. ज्ञानेंद्र तिवारी द्वारा किए गए नवीन कार्यों को भारत सरकार द्वारा पेटेंट दिया गया। इस शोध कार्य में टीम के डॉ. ज्ञानेंद्र तिवारी, डॉ. अनुभव उपाध्याय, डॉ. नीरज त्रिपाठी, डॉ. प्रकाश नारायण तिवारी, श्री सत्येंद्र ठाकुर का महत्वपूर्ण योगदान रहा। उक्त शोध कार्य में चने की फसल में लगने वाले उकठा रोग से फसल को बचाने हेतु बनाए गए, जैव नियंत्रक पर आधारित है l चना मध्य प्रदेश की एक महत्वपूर्ण दलहन फसल है और उकठा रोग लगने से लगभग 90 प्रतिशत चने की फसल प्रभावित होती है,  जिसका पैदावार पर सीधा असर होता है। विश्वविद्यालय की शोध टीम द्वारा बनाया गया जैव नियंत्रक चने की फसल के प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करने के साथ-साथ उकठा रोग के हानिकारक प्रभाव को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विश्वविद्यालय ने इस शोध का पेटेंट भेजने से पहले लगातार 3 साल तक प्रक्षेत्र परीक्षण किया एवं प्राप्त परिणाम को सत्यापित किया l  

इस शोध में पाया गया कि जैव नियंत्रक को यदि समय से चने की फसल पर उपयोग किया जाए तो रोग के प्रति संवेदनशील वैरायटी की भी प्रतिरक्षा क्षमता बढ़ जाती है , साथ ही आसानी से उपयोग भी किया जा सकता है। इस जैव नियंत्रक को बनाने की कीमत अत्यंत कम है, जिससे खड़ी फसल पर छिड़काव कर सकते हैं उपयुक्त पेटेंटेड जैव नियंत्रक पौधों की एक्सट्रैक्ट से बनने के कारण पर्यावरण हितैषी होने के साथ-साथ टिकाऊ कृषि के लिए एक वरदान साबित होगा। इसके अतिरिक्त इसके उपयोग से मृदा व उत्पाद की गुणवत्ता सुनिश्चित होगी तथा किसानों की आय बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा इसके एक बार पर्ण छिड़काव से फसल की कार्य की क्षमता बढ़ती है तथा उकठा बीमारी के बावजूद उकठा संवेदी चने की प्रजातियां की उपज 25 प्रतिशत तक बढ़ जाती है।

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