National News (राष्ट्रीय कृषि समाचार)Crop Cultivation (फसल की खेती)

न बिजली का खर्च, न फसल ख़राब की चिंता! आईएआरआई ने अदभुत ‘पूसा फार्म सनफ्रिज’ बनाया 

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23 मार्च 2024, नई दिल्ली: न बिजली का खर्च, न फसल ख़राब की चिंता! आईएआरआई ने अदभुत ‘पूसा फार्म सनफ्रिज’ बनाया – भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) ने ‘पूसा फार्म सनफ्रिज’ नाम की एक खास तरह की ‘शीत भंडारण’ तकनीक को बनाया हैं। इस तकनीक से किसान अपनी अलग-अलग उपज जैसे- फल, सब्जियां, अनाज, दाले और अंडे आदि का भंडारण कर सकते हैं। इस तकनीक के बारे में संपूर्ण जानकारी पूसा संस्थान की विशेषज्ञ डॉ. संगीता चोपड़ा ने किसानों को दी।

सौर ऊर्जा से संचालित 

डॉ. चोपड़ा ने बताया कि इस तकनीक को बनाने का उद्देश्य, किसानों को अच्छी भंडारण सुविधा प्रदान करना है। उन्होंने बताया कि पूसा फार्म सनफ्रिज एक अभिनव, ऑफ-ग्रिड, बैटरी रहित और कोल्ड स्टोरेज सुविधा है, जिसे खेतों पर ही बनाया जा सकता है और यह बिना बिजली के काम करता है। ये 2 टन का कोल्ड स्टोरेज होता हैं। इसमें ‘इवैपोरेटिंग कूलिंग’(वाष्पीकरण शीतलन) और ‘सोलर रेफ्रिजरेशन’ तकनीकों का इस्तेमाल हुआ है। 10x10x10 (लंबाई, चौड़ाई, ऊंचाई) फ़ीट का यह कोल्ड स्टोरेज, पूरी तरह से सौर ऊर्जा से काम करता है। इसके लिए छत पर सौर पैनल लगाए जाते हैं, जिनकी क्षमता पाँच किलोवाट होती है। इसमें तीन किलोवाट ऊर्जा का उपयोग, कोल्ड स्टोरेज में लगे 1.2 टन के एयर कंडीशनर को चलाने के लिए किया जाता है।

छोटे किसानों के लिए फ़ायदे का सौदा 

दिन में इसके अंदर का तापमान तीन-चार डिग्री सेल्सियस होता है, वहीं रात को यह आठ-दस डिग्री सेल्सियस हो जाता है। यह तकनीक सामुदायिक स्तर पर, छोटे किसानों के लिए काफी फायदेमंद है।

लागत 

इसको बनाने की लागत करीब साढ़े 8 लाख रुपए तक आती है, जिसमें सोलर पैनल का खर्चा, रेफ्रिजरेशन सिस्टम सभी का खर्चा शामिल हैं। लेकिन यह तकनीक, किसानों की कमाई को बढ़ाने में मददगार है। जहां पर बिजली नहीं हैं, वहां पर किसान इस स्ट्रकल्चर को बना सकते हैं। साथ ही इसको एक व्यवसाय के रूप में भी उपयोग किया जा सकता है।

क्या भंडारण कर सकते हैं 

इसके अंदर किसान फल सब्जियों जैसे- आलू 75 दिन, टमाटर 20-25 दिन, हरी सब्जियां 10-15 दिन तक आराम से स्टोर कर सकते हैं। इसकी अन्य भंडारण तकनीक से करीब  4 गुना अधिक शेल्फ लाइफ हैं।

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