Crop Cultivation (फसल की खेती)

कीटनाशक और उनके अवशेषों से जुड़े कुछ तथ्य व जानकारी

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  • तीर्थांकर बैनर्जी ,इन्दु चौपड़ा
    नीरज पतंजलि , नीतू नारायणन
  • सुमन गुप्ता , नीरा सिंह
    अमन कुमार ,अनुपमा सिंह

9 अगस्त 2022, नई दिल्ली । कीटनाशक और उनके अवशेषों से जुड़े कुछ तथ्य व जानकारी –

  • कीटनाशक वे पदार्थ हैं जो उत्पादन, भंडारण, ढुलाई, वितरण और खाद्य पदार्थों के प्रसंस्करण के दौरान खाद्य सामग्री, कृषि उत्पादों या पशु चारे में कीटों, पौधों, पशुओं की अवांछित प्रजातियों को रोकने, नष्ट करने, आकर्षित करने या दूर भगाने के काम आते हैं या जिन्हें जानवरों के भोजन में बाह्य परजीवों को नियंत्रित करने के लिए दिया जाता है। इस परिभाषा में वे रसायनिक पदार्थ भी सम्मिलित हैं जिसका उपयोग पौध वृद्धि नियंत्रण, डीफोलिएंट, डेसीकेंट फलों को पतला करने या सडऩे से बचाने के लिए किया जाता है। इस रसायनों का उपयोग विभिन्न फसलों में कटाई से पहले या बाद से किया जाता है ताकि भण्डारण या ढुलाई के दौरान उत्पादों को नष्ट होने से बचाया जा सके। इस परिभाषा में उर्वरक, पशु और पौधों के पोषक तत्व, खाद्य योजक और पशुओं की दवाइयां सम्मिलित नहीं हैं।
  • कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले केन्द्रीय कीटनाशक बोर्ड और पंजीकरण समिति (फरीदाबाद), कीटनाशक अधिनियम 1969 के प्रावधानों के तहत कीटनाशकों के लिए पंजीकरण के जिम्मेदार हैं। वर्तमान समय में भारत में 292 कीटनाशी प्रयोग के लिए पंजीकृत है।
  • भारत देश में 0.29 कि.ग्रा. सक्रिय तत्व प्रति हेक्टेयर की दर से कीटनाशकों का बहुत कम मात्रा में प्रयोग होता है जबकि बाहमास जैसे देश में इसका प्रयोग बहुत अधिक मात्रा (32.22 कि.ग्रा. सक्रिय तत्व प्रति हेक्टेयर) से किया जाता है।
दुनिया के प्रमुख देशों में कीटनाशकों की प्रयोग दर
  • खाद्य सुरक्षा और भारतीय मानक प्राधिकरण (एफएसएसओआई), नई दिल्ली फसलों पर कीटनाशकों की अधिकतम अवशेष सीमा (एमआरएल) का निर्धारण करता है।
  • कीटनाशकों का अत्यधिक और अनाधिकृत उपयोग हानिकारक है लेकिन इनका विवेकपूर्ण और अनुशंसित उपयोग फायदेमंद है। फसलों पर कीटनाशकों का उपयोग वैसे ही करें जैसे हम अपने लिए दवा का उपयोग करते हैं।
  • कीटनाशक प्रयोग करते समय लेबल और साथ दिए गए पर्चे को ध्यानपूर्वक पढ़ें। इन्हें इस्तेमाल करते समय व्यक्तिगत सुरक्षा गजेट्स जैसे विशेष रूप से डिजाइन किए गए कपड़े, जूते, चश्मा और दस्ताने इत्यादि पहनें। कीटनाशकों का उचित भंडारण और निपटान सावधानीपूर्वक किया जाना चाहिए।
  • कटाई एवं अंतराल (पीएचआई), कीटनाशकों के प्रयोग और फसल की कटाई के बीच का प्रतीक्षा समय है जिस दौरान फसलों में कीटनाशक अवशेष निर्धारित सीमा (एमआरएल) तक घट आते हैं। इसलिए कटाई से पहले इस अंतराल (पीएचआई) को अपनाने से सुरक्षित भोजन का उत्पादन व सेवन करने में सहायता मिलती है।
    द्य विभिन्न तरीकों जैसे पर्याप्त भुलाई, ब्लांचिंग, छीलना, पकाना, निर्जलीकरण आदि के द्वारा खाद्य वस्तुओं से सम्पर्क कीटनाशकों के अधिकांश अवशेषों को कम किया जा सकता है।
  • कृषि मंत्रालय के डीएसी द्वारा वर्ष 2008 से 2018 के दौरान विभिन्न खाद्य वस्तुओं में कीटनाशक अवशेषों के लिए की गई राष्ट्र स्तरीय जांच में केवल 2.1 प्रतिशत नमूनों में ही निर्धारित अधिकतम अवशेष सीमा (एमआरएल) से अधिक कीटनाशक अवशेष पाए गए।
  • उपभोक्ता फोरम के द्वारा कीटनाशकों की गुणवत्ता के निरीक्षण पर जोर दिया जाना चाहिए ताकि किसानों को घटिया और नकली कीटनाशकों का उपयोग करने से बचाया जा सके।
  • किसानों को भी कीटनाशकों और उनके उपयोग के लिए सही तकनीकों की जानकारी से संबंधित प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए आगे आना चाहिए।
  • संदेह की स्थिति में उपयोगकर्ताओं को सरकार द्वारा प्रमाणित प्रयोगशालाओं में डिब्बे/पैकेट से मौजूद कीटनाशक की शुद्धता की जांच करवा लेना चाहिए।

अधिक जानकारी हेतु संपर्क करें:
संभागाध्यक्ष, कृषि रसायन संभाग भा.कृ.अ.प. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली
दूरभाष : 91-11-25843272, 25841390, ईमेल: head_chem@iari.res.in

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