कद्दू वर्गीय सब्जियां: पूसा संस्थान की इन सब्जी किस्मों से किसान कमा सकते हैं अधिक मुनाफा
09 अप्रैल 2024, नई दिल्ली: कद्दू वर्गीय सब्जियां: पूसा संस्थान की इन सब्जी किस्मों से किसान कमा सकते हैं अधिक मुनाफा – मनुष्य को संतुलित आहार प्रदान करने में सब्जियां महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ये ना सिर्फ खनिज, विटामिन, लवण इत्यादि पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं, बल्कि किसानों के लिए आय का एक उत्तम स्त्रोत भी हैं। खरीफ में किसान मुख्यतः तौरी (गिलकी), कददू, करेला, लौकी, खीरा इत्यादि फसलों की खेती करते हैं। किसानों को कद्दू वर्गीय सब्जियों में अच्छी उपज लेने हेतु भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (पूसा संस्थान) के विशेषज्ञ डॉ हर्षवर्धन चौधरी ने विस्तृत जानकारी दी हैं, जो इस प्रकार हैं।
गर्मी के मौसम में कद्दू वर्गीय फसलों की मांग अधिक होती हैं। क्योंकि सब्जियां सुपापचय होती हैं और इनमें 90 प्रतिशत अधिक जल की मात्रा होती हैं। इसके साथ ही इनमें विभिन्न विटामिन जैसे विटामिन ए और विटामिन सी की भरपूर मात्रा पाई जाती हैं तथा यह अनेक प्रकार के खनिज लवणों से परिपूर्ण होती हैं। इसके साथ ही इनमें कई औषधीय गुण पाये जाते हैं जो हमारे स्वास्थ के लिए काफी लाभदायक होते हैं।
इन फसलों की खेती से किसानों के लिए सबसे अधिक फायदा यह होता हैं, कि इन फसलों के लगाने के 40-45 दिन के बाद ही आप इसकी तोरई शुरू कर सकते हैं और इन्हे बाजार में किसान लगातार 2 महीने तक बेंचकर मुनाफा कमा सकते है।
कौन-सी फसलों को किसान अभी लगा सकते हैं
कद्दू वर्गीय फसलों में किसान अभी खीरा, खरबूजा, करेला, लौकी, तौरी (गिलकी), चंपन कद्दू और कद्दू, जो उत्तर भारतीय इलाकों मे काफी प्रचलित हैं को उगा सकते हैं। इन फसलो की बिजाई आमतौर पर तब की जाती हैं जब रात का तापमान 12 डिग्री सेल्सियस से अधिक होता हैं। रात में बुवाई करने से अंकुरण में आसानी होती है। इन्हें हम गर्मियो के मौसम में भी लगा सकते हैं और कुछ फसलों को हम बरसात के मौसम में भी लगाया जा सकता हैं। फिलहाल गर्मी के मौसम में लगाने वाली जो फसलें हैं इनकी कुछ प्रमुख प्रजातियां इस प्रकार हैं, जैसे खीरा की पूसा संस्थान द्वारा विकसित प्रजाति- पूसा उदय, पूसा बरखा और पूसा लांग ग्रीन हैं। इसके साथ कुछ संकर प्रजाति हैं जैसे पूसा गाइनोशियस हाइब्रिड-18।
गाइनोशियस मतलब मादा फूल फसल में ज्यादा आयें। इससे फसल का उत्पादन अच्छा होता हैं। जो किसान अगर संरक्षित खेती में खीरा लगाना चाहते हैं, तो वह पूसा संस्थान की किस्म पूसा पार्थेनोकार्पिक खीरा-6 या पूसा पार्थेनोकार्पिक संकर खीरा-1 का प्रयोग कर सकते है।
खरबूजे की किस्म
खरबूजे में किसान पूसा संस्थान द्वारा विकसित किस्म- पूसा मधुरिमा, पूसा काजरी और संकर किस्म पूसा खरबूजा हाइब्रिड-2 का उपयोग कर सकते हैं।
करेले की किस्म
करेले की किस्म पूसा औषधी, पूसा पूर्वी और कुछ नई संकर किस्में जैसे पूसा हाइब्रिड-4, पूसा हाइब्रिड-5 हैं। जो किसान नेट हाउस या पॉलीहाउस के अंदर खेती करना चाहते है वो पूसा रसदार उगा सकते हैं।
नेट हाउस में खेती के लिए किस्में
इसी प्रकार एक जो विशेष प्रकार का खरबूजा होता हैं। जिसे पूसा सारदा खरबूजा कहते हैं। जो किसान नेट हाउस या पॉलीहाउस के अंदर खेती करना चाहते हैं तो वह पूसा सारदा को उगा सकते हैं, इसका गूदा हरा रंग का होता हैं। इसकी एक दूसरी प्रजाति, पूसा सुनहरी हैं जिसका गोदा नारंगी रंग का होता हैं किसान इसका भी प्रयोग कर सकते है।
इन किस्मों की खेती किसान ऑफ सीजन में भी कर पायेंगे
किसान इन्हें नेट हाउस में लगा सकते हैं या फिर दोबारा इनकी ऑफ सीजन में खेती अगस्त से अक्टूबर महीने तक फिर से कर सकते हैं। इसी प्रकार लंबी लौकी की पूसा संस्थान द्वारा विकसित किस्म पूसा नवीन काफी प्रचलित हैं। किसान इसको भी उगा सकते हैं। इसके साथ ही कुछ अन्य किस्मे भी हैं जैसे पूसा समृध्दि, पूसा हाइब्रिड-3 और पूसा संतुष्टि।
तौरी की किस्में
इसी प्रकार किसान अगर तौरी लगाना चाहते है, तो पूसा संस्थान की चिकनी तौरी की किस्म पूसा श्रेष्ठ और पूसा स्नेहा का उगा सकते हैं। इसके अलावा धारीदारी तौरी की किस्म पूसा नूतन, पूसा तृप्ति, पूसा पसंद और पूसा श्रेयश इसको भी किसान लगा सकते हैं।
कददू की किस्म
कददू की किस्म पूसा विश्वास, पूसा विकास, पूसा संकर हाइब्रिड-1 है। किसान इनमें से किसी भी किस्म का चयन कर सफलापूर्वक खेती कर सकते हैं।
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