Animal Husbandry (पशुपालन)

दूध उत्पादक किसान और उपभोक्ता दोनों हो रहे लूट के शिकार : संयुक्त मोर्चा

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मोर्चे ने की 8 रु / लीटर फैट देने की मांग

14 मार्च 2022, इंदौर । दूध उत्पादक किसान और उपभोक्ता दोनों हो रहे लूट के शिकार – संयुक्त मोर्चा – इंदौर दुग्ध संघ और दूध व्यापारियों द्वारा भारी मुनाफाखोरी कर जहां दूध उत्पादक किसानों को कम भाव दिया जा रहा है, वहीं उपभोक्ताओं को ऊंचे दाम पर दूध बेचा जा रहा है और वह भी गुणवत्ताविहीन । इस प्रकार दूध उत्पादक किसान और उपभोक्ता दोनों लूट के शिकार हो रहे हैं। यह कहना है संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारियों का। मोर्चे ने किसानों को 8 रु / लीटर फैट देने की मांग की है। इसके लिए संभागायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा जाएगा।

संयुक्त किसान मोर्चा के श्री बबलू जाधव, श्री रामस्वरूप मंत्री, श्री लखन सिंह डाबी और  श्री शैलेंद्र पटेल आदि ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि इंदौर दुग्ध संघ  6 .40 रु प्रति फैट के हिसाब से दूध खरीद रहा है, वहीं  दूध व्यापारी भी 35 से 40 रु प्रति लीटर ही खरीद रहे हैं  ।जबकि बाजार में दूध 50 से लेकर 55 रु प्रति लीटर बेचा जा रहा है । अमूल और सांची का दूध 58 रु प्रति लीटर तक बिक रहा है।इस तरह से प्रति लीटर दूध पर 15 से 20 रु की मुनाफाखोरी किए  जाने के बावजूद  उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता का दूध नहीं मिल रहा है। आपने बताया कि वर्तमान में खली 2900 रु प्रति बोरी और भूसा 1000 रु प्रति क्विंटल तथा पशु आहार भी दोगुना भाव हो गया है । पशुओं की कीमत भी आसमान पर है ,इससे  किसानों को दूध का लाभकारी मूल्य नहीं मिल रहा है।

संयुक्त किसान मोर्चा  के पदाधिकारियों ने इंदौर दुग्ध संघ व व्यापारियों से मांग की है कि दूध का प्रति फैट  8 रु प्रति लीटर किसानों को दिया जाए, साथ ही गुणवत्तायुक्त दूध के लिए शासन- प्रशासन सख्त कार्यवाही करते हुए प्रयास करे कि उपभोक्ता को कम से कम 5 फैट का दूध मिले। अभी वर्तमान में गाय के दूध के नाम पर दो ढाई फैट का दूध बेचा जा रहा है, जो किसान और उपभोक्ता दोनों के साथ ठगी है ।दुग्ध संघ और दूध व्यापारियों की मुनाफाखोरी  के खिलाफ किसान संगठन अब मैदान में आ रहे हैं । इस मामले में किसान संगठनों के प्रतिनिधियों द्वारा संभागायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन  भेजकर मांग की जाएगी कि किसानों को दूध के भाव प्रति फेट  8 रु प्रति लीटर दिया जाए और उपभोक्ताओं को शुद्ध दूध उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए।

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