अरहर की जल्दी पकने वाली किस्में लगाएं
शाजापुर। कृषि विज्ञान केन्द्र, शाजापुर द्वारा गत दिनों ग्राम बज्जाहेड़ा में अरहर प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ. एन.एस. सिकरवार, उपसंचालक पशु पालन, केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. जी. आर. अम्बावतिया, श्री आर.एस. तोमर, व.कृ.वि. अधि., श्री बी.एल. सौराष्ट्रीय, कृ.वि.अधि शाजापुर, डॉ ए.के. मिश्रा, डॉ. एस.एस. धाकड़, डॉ. गायत्री वर्मा एवं श्री एन. एस. खेडकर , श्री संतोष पटेल, श्री रत्नेश विश्वकर्मा बज्जाहेड़ा के सरपंच श्री जगदीश पवार, अंतरसिंह पवार ग्रा.कृ.वि.अ., एवं 100 से ज्यादा ग्राम बज्जाहेड़ा के कृषक, महिला कृषक उपस्थित थे।
केन्द्र प्रमुख डॉ. जी. आर. अम्बावतिया ने क्लस्टर प्रदर्शन के अंतर्गत लगाई गई अरहर के प्रक्षेत्र दिवस के उददेश्य को बताते हुए दलहन की उन्नत खेती करने की जानकारी दी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. सिकरवार द्वारा खेती को लाभ का धंधा बनाने हेतु पशुपालन विभाग की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। डॉ. ए.के. मिश्रा ने बताया कि अरहर की कम समय की प्रजाति पूसा-992, (पकने की अवधि 125-135 दिन), पुष्पगुच्छ फैला हुआ जिससे कीड़े कम लगेगे दाल की गुणवत्ता खाने मे अच्छी एवं यह उन्नतशील जाति उकटारोधी तथा फलीछेदक कीट के लिए प्रतिरोधकता रखते हुये अधिक उपज (15-18 क्वि./हे.) तथा रबी की फसल बोई जा सकती है। डॉ. एस.एस. धाकड़ ने उन्नत बुवाई यंत्र एवं सिंचाई की उन्नत विधियों की जानकारी कृषकों दी। डॉ. गायत्री वर्मा ने अरहर का मूल्य संवर्धन के बारे में तकनीकी जानकारी दी। इस दौरान कृषि महाविद्यालय सीहोर से अध्ययनरत रावे छात्राओं द्वारा अरहर के उत्तम बीज की उपयोगिता पर सजीव लघु नाटक प्रस्तुत किया गया। जिसको सभी किसानों द्वारा सराहा गया। प्रसार वैज्ञानिक श्री एन.एस. खेड़कर द्वारा बताया कि कृषि पद्धति को अपनाते हुए खेती करेंगे तो निश्चित ही आय में बढ़ोत्तरी होगी। श्री संतोष पटेल द्वारा जैविक खेती के बारे में जानकारी दी गई। इस दौरान उपस्थित कृषकों द्वारा सूरज सिंह एवं कमल सिंह के प्रक्षेत्र पर अरहर की उन्नत किस्म पूसा-992 का भ्रमण किया गया ।
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