राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

केन्द्र ने बांग्लादेश, यूएइ, मॉरीशस, श्रीलंका समेत 6 देशों के लिए प्याज निर्यात खोला

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यूरोपीय देशों को 2 हज़ार टन सफेद प्याज भी निर्यात होगा

30 अप्रैल 2024, नई दिल्ली: केन्द्र ने बांग्लादेश, यूएइ, मॉरीशस, श्रीलंका समेत 6 देशों के लिए प्याज निर्यात खोला – भारत सरकार ने छह पड़ोसी देशों बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई),  भूटान, बहरीन, मॉरीशस और श्रीलंका को 99,150 एमटी प्याज निर्यात की अनुमति दी है। पिछले वर्ष की तुलना में 2023-24 में खरीफ एवं रबी फसलों की अनुमानित कम उपज के कारण पर्याप्त घरेलू उपलब्धता सुनिश्चित करने और अंतरराष्ट्रीय बाजार में मांग बढ़ाने हेतु प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया है।

इन देशों को प्याज का निर्यात करने वाली एजेंसी, नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लिमिटेड (एनसीईएल) ने ई-प्लेटफॉर्म के माध्यम से निर्यात किए जाने वाले घरेलू प्याज को एल1 कीमतों पर हासिल किया और गंतव्य देश को अग्रिम भुगतान के आधार पर आपूर्ति की। छह देशों को निर्यात के लिए आवंटित कोटे की सप्लाई  उनके  द्वारा की गई मांग के अनुसार की जा रही है। देश में प्याज के सबसे बड़े उत्पादक के रूप में, महाराष्ट्र निर्यात के लिए एनसीईएल द्वारा प्राप्त किए जाने वाले प्याज का प्रमुख प्रदेश  है।

सरकार ने मध्य-पूर्व और कुछ यूरोपीय देशों के निर्यात बाजारों के लिए विशेष रूप से उगाए गए 2000 मीट्रिक टन सफेद प्याज के निर्यात की भी अनुमति दी थी। पूरी तरह से निर्यात उन्मुख होने के कारण, सफेद प्याज की उत्पादन लागत उच्च बीज कीमतों , अच्छी कृषि पद्धति (जीएपी) को अपनाने और अधिकतम अवशेष सीमा (एमआरएल) संबंधी आवश्यकताओं के सख्त पालन के कारण अन्य प्याज की तुलना में अधिक होती है।

उपभोक्ता कार्य विभाग के मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) के तहत रबी-2024 में से प्याज की बफर खरीद का लक्ष्य इस वर्ष पांच लाख टन निर्धारित किया गया है। केन्द्रीय एजेंसियां यानी एनसीसीएफ और एनएएफईडी किसी भी भंडारण-योग्य प्याज की खरीद शुरू करने हेतु खरीद, भंडारण और किसानों के पंजीकरण के लिए एफपीओ/एफपीसी/पीएसी जैसी स्थानीय एजेंसियों को साथ जोड़ रही हैं।

प्याज भंडारण में होने वाली हानि को कम करने के लिए, उपभोक्ता कार्य विभाग ने बीएआरसी, मुंबई के तकनीकी सहयोग से विकिरणित और ठंडे भंडारण वाले स्टॉक की मात्रा को पिछले वर्ष के 1200 एमटी से बढ़ाकर इस वर्ष 5000 एमटी से अधिक करने का फैसला लिया। पिछले वर्ष शुरू की गई प्याज को विकिरणित व शीत भंडारण करने के  पायलट प्रोजेक्ट से  भंडारण में हानि घटकर 10 प्रतिशत से भी कम रह गई है।   

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