मूंग की अनुशंसित किस्में कौन सी है
11 अप्रैल 2024, भोपाल: मूंग की अनुशंसित किस्में कौन सी है – मूंग की अनुशंसित किस्मों में प्रचलित है केएम-2195 स्वाती, आईपीयू-1026, 11-02, 13-01, गंगा-8, टीजेएन-3, पीकेवीएकेएम-4, आईपीएम-205-7 (विराट), 410-3 (शिखा), टीजेएम-37, पीडीएम-139, हम-16, 12, पूसा-95-31, जेएम-731, पूसा विशाल, एसएमएल-668, सुकेती |
उन्नतशील प्रजातियाँ
किसी भी फसल की अघिक से अधिक उपज लेने के लिये प्रजाति का चुनाव सबसे महत्वपूर्ण चरण होता है। इसी प्रकार मूँग की फसल से भी अधिक उपज प्राप्त करने के लिये उत्तम प्रजाति का चुनाव करना चाहिये। जो प्रजातियाँ कम समय में पककर तैयार हो जाती है उन्हें ही प्रयोग में लाना चाहिये ताकि, बीमारियों तथा कीटों के नुकसान से बचा जा सके। उन्नत फसल के लिये सामान्यतय: 60-70 दिन में पकने वाली संस्तुत प्रजातियाँ सर्वोत्तम मानी जाती हैं। रोगराधी प्रजातियों का ही चुनाव चाहिए। वैज्ञानिकों के प्रयासों मूँग में इस प्रकार की अनेक प्रजातियाँ विकसित की जा सकी हैं जो शीघ्र पकने के साथ-साथ उपज भी अच्छी देती हैं। सारणी में प्रमुख संस्तुत प्रजातियाँ विशिष्ट लक्षणों सहित दी गई है-
प्रजाति | संस्तुति वर्ष | मौसम | संस्तुत क्षेत्र |
आई पी एम 2.3 | 2009 | बसंत और ग्रीष्म ऋतु | उत्तर पश्चिम मैदानी क्षेत्र राजस्थान, पंजाब, हरयाणा, दिल्ली, हिमाचल का मैदानी क्षेत्र, उत्तराखण्ड और जम्मू और कश्मीर |
(शिखा) 205.7 (विराट) | 2016 | बसंत ऋतु | अखिल भारत पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु, तेलंगाना आंध्र प्रदेश और कर्नाटक |
आईपीएम 410.3 (शिखा) | 2016 | बसंत ऋतु | बसंत ऋतु उत्तर पश्चिम मैदानी क्षेत्र और मध्य क्षेत्र राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश के मैदानी इलाके, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर के जम्मू क्षेत्र, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात |
आईपीएम 2य14.9 (वर्षा) | 2018 | बसंत ऋतु | उत्तर प्रदेश |
आईपीएम 302.2 | 2018 | बसंत और ग्रीष्म ऋतु | उत्तर प्रदेश |
आईपीएम 512.1 (सूर्या) | 2020 | बसंत ऋतु | उत्तर पूर्व मैदानी क्षेत्र |
आईपीएम 312.20 (वसुधा) | 2020 | बसंत ऋतु | उत्तर प्रदेश |
आईपीएम 409.4 (हीरा) | 2020 | बसंत ऋतु | उत्तर प्रदेश |
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