अब किसान के बच्चे भी ड्रोन पायलट बन सकेंगे
देश का पहला ड्रोन स्कूल म.प्र. में प्रारंभ, 30 हजार में ट्रेनिंग
02 अक्टूबर 2023, भोपाल: अब किसान के बच्चे भी ड्रोन पायलट बन सकेंगे – खेती में ड्रोन की उपयोगिता को मद्देनजर रखते हुए कौशल विकास केन्द्र के तहत म.प्र. में देश का पहला किसान ड्रोन स्कूल प्रारंभ किया गया है जिसमें प्रशिक्षण प्राप्त कर देश एवं प्रदेश के युवा खेती के क्षेत्र में अपना भविष्य संवार सकेंगे। अब किसान के बच्चे भी ड्रोन पायलट बनकर आधुनिक तकनीक से खेती कर उत्पादन बढ़ा सकेंगे। यह जानकारी म.प्र. के संचालक कृषि अभियांत्रिकी श्री राजीव चौधरी ने कृषक जगत को एक खास मुलाकात में दी।
श्री चौधरी ने बताया कि भोपाल स्थित बड़वई केन्द्र में किसान ड्रोन पायलट ट्रेनिंग स्कूल खोला गया है जिसका विधिवत शुभारंभ अपर मुख्य सचिव कृषि श्री अशोक बर्णवाल ने किया था।
उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण केन्द्र में नागरिक उड्डयन मंत्रालय भारत सरकार के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी अमेठी (उ.प्र.) के प्रशिक्षकों द्वारा मात्र 30 हजार रुपये में पायलट ट्रेनिंग दी जाएगी, जबकि सामान्यत: ट्रेनिंग की फीस औसतन 60 हजार रुपए होती है।
संचालक अभियांत्रिकी ने बताया कि कृषि क्षेत्र में ड्रोन की उपयोगिता बढ़ाने के लिए सरकार सार्थक प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना के लिए भी एग्रीकल्चर स्किल काउंसिल ऑफ इंडिया कौशल विकास मंत्रालय के सीईओ के साथ भी एमओयू किया गया है|
10 दिवसीय प्रशिक्षण
श्री चौधरी ने बताया कि ड्रोन स्कूल के पहले बैच में 20 प्रतिभागी 10 दिनों का प्रशिक्षण ले रहे हैं। युवा वर्ग प्रशिक्षण प्राप्त कर रोजगार पा सकेंगे।
संचालक अभियांत्रिकी ने बताया कि कौशल विकास केन्द्र में युवाओं को कृषि यंत्रीकरण के क्षेत्र में अत्याधुनिक तकनीकों से संबंधित कई प्रकार का प्रशिक्षण दिया जाएगा जिसके केन्द्रों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है। कृषि में ड्रोन के विविध उपयोग के संबंध में श्री चौधरी ने बताया कि इसकी मदद से घंटों का काम मिनटों में किया जा सकता है |
कृषि में ड्रोन का उपयोग
ड्रोन से 10 मिनट के अंदर एक एकड़ में कीटनाशक का छिडक़ाव किया जा सकता है। जबकि पेटीनुमा स्प्रेयर से करने में करीब तीन घंटे का समय लगता है।
ड्रोन से कीटनाशक का छिडक़ाव करने पर कीटनाशक से शरीर पर पडऩे वाले दुष्प्रभावों से भी बचा जा सकता है।
कृषि क्षेत्र में ड्रोन का इस्तेमाल खेत की मैपिंग, सर्वेक्षण में किया जा सकता है|
ड्रोन से किसान खेत की निगरानी तथा फसल का अवलोकन कर सकते है|
ड्रोन की सहायता से किसान सिंचाई का काम बहुत ही आसानी से कर सकते हैं। इसमें मल्टीस्पेक्ट्रल सेंसर उन क्षेत्रों की पहचान कर सकते हैं, जहां पानी नहीं पहुंचा या फसल सूखी है। इससे किसान को पूरे क्षेत्र में बेहतर सिंचाई में सहायता मिल सकती है|
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