State News (राज्य कृषि समाचार)

पोषक अनाजो के प्रसंस्करण एवं उद्योगों में अपार संभावनाए : डॉ सिंह

Share
सी टी ए ई में पोषक अनाजो के प्रसंस्करण एवं मुल्य संवर्धन पर एक दिवसीय कार्यशाला

27 जनवरी 2023, उदयपुर: पोषक अनाजो के प्रसंस्करण एवं उद्योगों में अपार संभावनाए : डॉ सिंह – प्रौद्योगिकी एवं अभियांत्रिकी महाविद्यालय के संघटक खाद्य संसाधन एवं अभियांत्रिकी विभाग में पोषक अनाजो के प्रसंस्करण एवं मूल्यसंवर्धन पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया । कार्यशाला के मुख्य अतिथि डॉ. पी. के. सिंह ने बताया कि मोटे अनाजो का हमारे देश में प्रारंभिक रूप से ही उपयोग में लिया जाता है । जलवायु परिवर्तन और पानी की कमी वर्तमान में विकट चुनोतिया है । हमें हमारे भविष्य का आहार ऐसा तय करना है, जिसमे पोषण की गुणवत्ता तो हो ही, साथ ही जिसे बदलती जलवायु में भी बेहतर उत्पादन के साथ ही कम से कम पानी में पैदा किया जा सके । यह चिंता सिर्फ हमारे देश की ही नही है, अपितु वैश्विक है । इसी के चलते भारत ने वर्ष 2023 को अंतररास्ट्रीय मिलेट्स वर्ष घोषित करने का प्रस्ताव दिया था । इस प्रस्ताव का समर्थन दुनिया के 72 देशो ने किया और सयुक्त राष्ट्र की महासभा (यूएनए) ने चालू वर्ष यानी 2023 को अंतरराष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष घोषित किया ।

पोषक अनाज न केवल कम पानी और प्रतिकुल परिस्थितियों में उत्पादित होते है, साथ ही इनमें पोषक तत्वों की मात्रा भी अधिक होती है । कार्यशाला में छात्रो से संवाद स्थापित करते हुए विशेषज्ञ डॉ. जी. पी. शर्मा ने बताया कि मोटे अनाजो के प्रसंस्करण में बहुत ही कम लागत की मशीनरी के साथ उद्यम लगाया जा सकता है । जिससे उद्यमों को २-३ वर्षो में ही लाभप्रद स्तिथि में लाया जा सकता है । उन्होंने विभिन्न पोषक अनाजो के मूल्य संवर्धन तकनिकी एवं उनमें उपयोग में लाई जाने वाली मशीनरी के बारे में जानकारी दी । विषय विशेषज्ञ डॉ. करुण चंडालिया ने प्रतिभागियों को अपना स्वयं का उद्यम लगाने के लिए प्रेरित किया तथा उद्यम लगाने की पूर्ण प्रक्रिया को विस्तार में समझाया । साथ ही उन्होंने विभिन्न सरकारी योजनओं की जानकारी देते हुए बताया कि किस प्रकार अपना स्वयं का उद्योग सरकारी सहायता एवं अनुदान से लगाया जा सकता है । विभागाध्यक्ष डॉ. एस. के. जैन ने बताया की वर्तमान में विभाग में एक महत्वपूर्ण योजना च्ड.थ्डम् चल रही हैं, जिस के द्वारा उद्यम लगा कर ३० प्रतिशत तक का या १० लाख रुपयों तक का अनुदान प्राप्त किया जा सकता है । डॉ. नरेन्द्र जैन ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए बताया कि पोषक अनाजों का उपयोग न केवल किसानो तथा पर्यावरण के लिए अच्छा है अपितु खाने के लिए भी श्रेष्ठ हैै।

महत्वपूर्ण खबर: कपास मंडी रेट (25 जनवरी 2023 के अनुसार)

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्राम )

Share
Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *