State News (राज्य कृषि समाचार)

डिजिटल क्रॉप सर्वेक्षण हेतु दिशा निर्देश जारी

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22 जनवरी 2024, विदिशा: डिजिटल क्रॉप सर्वेक्षण हेतु दिशा निर्देश जारी – मध्य प्रदेश भू-अभिलेख नियमावली के अनुसार फसल गिरदावरी का कार्य वर्ष में तीन बार (मौसम खरीफ/रबी/जायद) में सारा एप के माध्यम से संपन्न किया जाता है। जिसका उपयोग उपार्जन, फसल बीमा आदि योजनाओं में सतत् रूप से किया जा रहा है। मौसम रबी 2023-24 हेतु फसल गिरदावरी के कार्य में पारदर्शिता लाने हेतु डिजिटल क्रॉप सर्वेक्षण के तहत फसल गिरदावरी का कार्य पूर्ण किया जाएगा। उक्त परियोजना के अंतर्गत फसल सर्वेक्षण हेतु निर्देशों का अनुसरण किया जाए।

एमपी किसान एप के माध्यम से डिजिटल क्रॉप सर्वे – एमपी किसान एप प्ले स्टोर से डाउनलोड करने के उपरांत मोबाईल ओटीपी के माध्यम से लॉगिन किया जा सकता है। एमपी किसान एप के माध्यम से फसल स्व-घोषणा की जानकारी जियो फेंस  तकनीक के माध्यम से फसल का फोटो खींचकर दर्ज की जा सकेगी एवं पूर्व से दर्ज फसल के विरुद्ध दावा/आपत्ति की जानकारी भी एमपी किसान एप के माध्यम से दर्ज की जा सकेगी।

भूलेख पोर्टल पर ग्राम आवंटन एवं डिजिटल क्रॉप सर्वे – सर्वेयर (पटवारी) को ग्राम आवंटन का कार्य एमपी भूलेख पोर्टल पर किया जाएगा। सर्वेयर सारा एप में ओटीपी के माध्यम से लॉगिन कर सकेगा एवं आवंटित ग्राम की जानकारी सारा एप में डिजिटल क्रॉप सर्वे हेतु उपलब्ध होगी।सर्वेयर लॉगिन करने के उपरांत आवंटित ग्राम का डाटा डाउनलोड कर गिरदावरी का डाटा ग्राम स्तर जियो फेंस के माध्यम से खेत में बोई गई प्रत्येक फसल का फोटो खींचकर (Optional) अपलोड कर सकेगा। प्राप्त इनपुट डाटा (किसान गिरदावरी/ सैटेलाइट इमेज से प्राप्त संभावित फसल की जानकारी) अनुसार विसंगति की जानकारी प्राप्त की जाएगी। यह विसंगति की जानकारी पटवारी को पुनः पार्सल लेवल जियो फेंस तकनीक अनुसार डाटा अपलोड करने हेतु उपलब्ध होगी। सर्वेयर द्वारा जानकारी अपलोड करने पर प्रत्येक ग्राम के 01 प्रतिशत रेण्डम सर्वे नंबर (यथासंभव विसंगति डाटा में से सिस्टम द्वारा प्रदत्त) की जानकारी का सत्यापन संबंधित तहसीलदार/ नायब तहसीलदार (वैरीफायर) द्वारा सारा एप/पोर्टल के माध्यम से किया जायेगा।

वैरीफायर द्वारा जानकारी को अनुमोदित किया जाएगा अथवा आवश्यक होने पर पुनः जांच हेतु पटवारी को प्रेषित किया जा सकेगा। संबंधित पटवारी द्वारा पार्सल लेवल जियो फेंस के माध्यम से जानकारी अपलोड की जाएगी। इस प्रकार पटवारी से प्राप्त अद्यतन जानकारी को वैरिफायर द्वारा अनुमोदित किया जाएगा परंतु द्वितीय समय पुनः प्रतिवेदन हेतु नहीं भेजा जा सकेगा तथा स्वयं सारा एप के माध्यम से जानकारी अद्यतन करना होगी।

जाँचकर्ता अधिकारी की नियुक्ति एवं जांच की प्रक्रिया- सर्वेयर द्वारा अपलोड जानकारी की जांच हेतु प्रत्येक वर्ष/मौसम हेतु 20 प्रतिशत ग्रामों का चयन सिस्टम द्वारा किया जाएगा। इस प्रकार प्रत्येक वर्ष मौसम हेतु ग्रामों का चयन करते हुए आगामी 05 वर्ष में शत-प्रतिशत ग्रामों का जांच कार्य पूर्ण किया जाएगा। जांच कार्य हेतु तहसीलदार/नायब तहसीलदार को छोड़कर राजस्व/ अन्य विभाग (कृषि, उद्यानिकी आदि) के अधिकारियों को कलेक्टर द्वारा स्वविवेक से नियुक्त किया जाएगा। जांचकर्ता यूजर की जानकारी को सारा पोर्टल के माध्यम से अद्यतन किया जाएगा, जिन्हें ग्राम आवंटन का कार्य सारा पोर्टल पर एसएलआर  लॉगिन के माध्यम से किया जाएगा। आवंटित ग्राम में 01 प्रतिशत या ग्राम के कम से कम 10 निजी सर्वे नंबर (यथासंभव विसंगति डाटा में से प्रदत्त) जो अधिक हो, सिस्टम द्वारा आवंटित किए जायेंगे।

जांचकर्ता द्वारा सारा एप में लॉगिन करने के उपरांत आवंटित ग्राम/सर्वे नंबर की जांच की जाएगी, जिससे सहमत होने पर फसल का फोटो खींचकर जानकारी अपलोड की जाएगी एवं असहमत होने पर पार्सल लेवल जियो फेंस के माध्यम से फसल का फोटो खींचकर जानकारी अपलोड की जाएगी। जांचकर्ता द्वारा सारा एप में लॉगिन करने के उपरांत आवंटित ग्राम/सर्व नबर की जांच की जाएगी, जिससे सहमत होने पर फसल का फोटो खींचकर जानकारी अपलोड की जाएगी एवं असहमत होने पर पार्सल लेवल जियो फेंस के माध्यम से फसल का फोटो खींचकर जानकारी अपलोड की जाएगी।  जांचकर्ता द्वारा अपलोड की गई जानकारी सारा पोर्टल पर संबंधित तहसीलदार/नायब तहसीलदार के लॉगिन में उपलब्ध होगी, जिसका निराकरण जानकारी का अवलोकन/आवश्यक जांच उपरांत किया जाएगा।एमपी किसान एप के माध्यम से प्राप्त दावा/आपत्ति का निराकरण संबंधित तहसीलदार/नायब तहसीलदार द्वारा आवश्यक जांच उपरांत किया जाएगा। नियत तिथि उपरांत डाटा को लॉक कर दिया जाएगा, जिसके उपरांत संशोधन नहीं किया जा सकेगा |

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