भावांतर राशि और बोनस के इंतजार में किसान
28 जून 2023, इंदौर: भावांतर राशि और बोनस के इंतजार में किसान – 4 साल पहले मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों से कहा था कि यदि मंडी में फसल का दाम सही नहीं मिलता है, तो सरकार किसानों को भावांतर राशि का भुगतान करेगी। लेकिन अभी तक किसानों को प्याज़ , गेहूं और सोयाबीन फसल की भावान्तर राशि नहीं मिली है। किसान भावांतर राशि का इंतजार कर रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने मुख्यमंत्री से विभिन्न फसलों की भावांतर राशि का भुगतान करने की मांग की है।
संयुक्त किसान मोर्चा के श्री बबलू जाधव ने कृषक जगत को बताया कि 4 साल पहले प्याज जब 2 रु किलो बिका तो मुख्यमंत्री ने कहा था प्याज पर 6 रु प्रति किलो के हिसाब से सरकार भावांतर राशि देगी ।इसी तरह मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा 2018-19 में सोयाबीन पर 500 रु प्रति क्विंटल भावांतर देने तथा 2019- 20 में गेहूं पर 160 रु प्रति क्विंटल बोनस देने की घोषणा की गई थी। मुख्यमंत्री के इस वादे पर किसानों ने अपनी फसल ओने पौने दामों पर बेच दी, उन्हें उम्मीद थी कि सरकार अपने वादे के मुताबिक भावांतर और बोनस की राशि उनके खातों में ट्रांसफर करेगी ,लेकिन आज दिनांक तक सरकार की ओर से किसानों के खातों में कोई राशि नहीं डाली गई है। किसानों का इंतज़ार बहुत लम्बा हो गया है। ऐसे में किसान खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं और मुख्यमंत्री को अपना वादा पूरा करने की याद दिला रहे हैं।
किसान नेताद्वय श्री रामस्वरूप मंत्री और श्री बबलू जाधव ने कहा कि इंदौर जिले में ही करीब 7 हज़ार प्याज़ उत्पादक किसानों और करीब 20 हज़ार सोयाबीन उत्पादक किसानों को भावान्तर राशि और गेहूं पर ₹160 प्रति क्विंटल की दर से बोनस की करोड़ों की राशि का भुगतान बकाया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि अपने कार्यकाल के अंतिम वर्ष में वे किसानों का उक्त बकाया भुगतान तत्काल कराकर सच्चे किसान हितैषी बनें । संयुक्त मोर्चा, मुख्यमंत्री के इंदौर आगमन पर उनसे मुलाकात कर भावांतर और बोनस सहित मंडी में बेचे गए माल के भुगतान को लेकर चर्चा करेगा।
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