राजस्थान में किसानों ने शुरू की गेहूं की बुवाई
रात को गिरने वाली ओस से फसलों को होगा फायदा
5 नवम्बर 2022, कोटपूतली । राजस्थान में किसानों ने शुरू की गेहूं की बुवाई – कोटपूतली के अधिकांश भूभाग में भूरी रेतीली कछारी मिट्टी पाई जाती है जो गेहूं व सरसों के लिए उपयुक्त होती है। दीपावली से पहले अच्छी बारिश होने के कारण किसानों ने अच्छी तरह बुवाई कर रबी की फसल के लिए खेतों को तैयार कर दिया था,जिसके बाद अब गेहंू की बुवाई चल रही है। ऐसे में अब रबी की फसलों को नमी की आवश्यकता रहती है। गत दिनों में हुई बारिश के कारण अब रात्रि में तापमान में गिरावट होने से किसानों को काफी फायदा मिलेगा।
दीमक नाशक दवा का प्रयोग करें
सहायक कृषि अधिकारी श्री रमेश भारद्वाज ने बताया कि बुवाई करते समय किसानों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है, जिससे उन्हें अच्छी पैदावार मिल सके। गेहूं की बुवाई करते समय खेत से खरपतवार और फसल अवशेष निकालकर खेत की तीन-चार बार जुताई कर मिट्टी को भुरभुरा बना लें। उसके बाद पाटा चलाकर खेत को बराबर कर जलनिकासी का उचित प्रबंध करें। यदि दीमक की समस्या है तो दीमक नाशक दवा का प्रयोग करें। खेत में पर्याप्त नमी न होने पर बुवाई के पहले एक बार पानी दें। किसानों खेत में छोटी-छोटी क्यारियां बना लें। इस तरह से सिंचाई समेत दूसरे काम आसानी से और कम लागत में हो सकेंगे। गेहूं की अधिक उपज देने वाली किस्मों का चयन अपने क्षेत्र के हिसाब से करें।
बुवाई के लिए प्रति एकड़ 10 किलोग्राम बीज का उपयोग करें सबसे पहले 20 लीटर पानी एक बर्तन में गर्म करें, अब चयनित बीजों को इस गर्म पानी में डाल दें। तैरने वाले हल्के बीजों को निकाल दें। अब इस पानी में तीन किलो केंचुआ खाद, दो किलो गुड़ और चार लीटर देशी गौमूत्र मिलाकर बीज के साथ अच्छी प्रकार से मिलाएं। अब इस मिश्रण को छह-आठ घंटे के लिए छोड़ दें। बाद में इस मिश्रण को जूट के बोरे में भरें, जिससे मिश्रण से अतिरिक्त पानी निकल जाए। किसानों द्वारा इन दिनों खेतों में जुटकर मेहनत की जा रही है।
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