मृदा परीक्षण की विधियों को वीडियो बनाकर प्रसारित करें – कलेक्टर मिश्रा
22 फरवरी 2024, धार: मृदा परीक्षण की विधियों को वीडियो बनाकर प्रसारित करें – कलेक्टर मिश्रा – डिजिटल स्टूडियो में मृदा परीक्षण की विधियों का विडियो बनाकर प्रसारित करें। उद्यानिकी विभाग वेजिटेबल क्लस्टर पर कार्य कर हासिल उपलब्धि से अवगत कराएं । स्व सहायता समूह की नर्सरियों के उत्पाद की और अधिक मार्केटिंग हो। जिले के लिए चारागाह विकास योजना के प्रस्ताव बनाकर प्रेषित करें। एसएचजी, एफपीओ और एनएलएम के वृहद प्रस्ताव तैयार करें। यह निर्देश धार कलेक्टर श्री प्रियंक मिश्रा ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित कृषि एवं संबद्ध विभागों की समीक्षा बैठक में दिए।
बैठक में बताया गया कि मृदा परीक्षण एवं मृदा नमूना एकत्रीकरण के संबंध में जिले में 5 एकलव्य मॉडल रेजिडेंशियल स्कूल विकासखण्ड धार, गंधवानी, कुक्षी, डही, मनावर का चयन किया गया है। विकासखण्ड अन्तर्गत एकलव्य स्कूल में निवासरत छात्र-छात्राओं को कृषि विभाग, आत्मा एवं कृषि विज्ञान केंद्र के अधिकारी / वैज्ञानिकों के माध्यम से भूमि की उर्वरा शक्ति को जानने हेतु प्रशिक्षण दिया जावेगा। जिसमें मृदा नमूना कैसे लिया जाता है एवं विश्लेषण कर पोषक तत्वों की कमी के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे भूमि में विद्यमान तत्वों के अनुसार ही उर्वरकों का उपयोग किसानों के द्वारा किया जावेगा। छात्रों को मृदा में उपस्थित तत्वों की कमी का ज्ञान प्राप्त होगा एवं छात्र-छात्राएँ कृषक परिवार व ग्रामीण क्षेत्रों से निवासरत होने से कृषकों में भी मृदा स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता पैदा होगी।
बैठक में जिले के किसान उत्पादक संगठन के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर तथा सीईओ द्वारा नवाचार गतिविधियों खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के निर्माण तथा बनाए गए उत्पादों के बाजार लिंकेज एवं मार्केटिंग के तरीके पर विस्तृत चर्चा की गई। साथ ही बिरसा कृषि विकास किसान उत्पादक कम्पनी लि , उमरबन द्वारा सौंफ फसल की पैकिंग एवं विक्रय की जानकारी दी गई । डही फार्मर कम्पनी लि, जो कि महिला एफपीओ है, उनके द्वारा मोटा अनाज का प्रसंस्करण कर कुकीज तैयार कर विक्रय की जा रही है। इस हेतु महिला बाल विकास विभाग अंतर्गत कुपोषित बच्चों के पोषण हेतु उपयोग किये जाने के निर्देश दिये। सृजन धारा फार्मर प्रोड्युसर कम्पनी द्वारा वृहद स्तर पर गेहूँ खरीदी एवं पैकिंग के सबंध में विस्तृत जानकारी दी गई।
कलेक्टर ने उप संचालक उद्यानिकी को निर्देश दिए कि किसान उत्पादक संगठन जो मिलेट प्रोसेसिंग पर कार्य करना चाहते हैं , उनका प्रधानमंत्री सूक्ष्म लघु उन्नयन योजनान्तर्गत एवं एआईएफ अन्तर्गत पंजीयन कराकर सहयोग प्रदान करें । उद्यानिकी विभाग, राष्ट्रीय ग्रामीण आजिविका मिशन अन्तर्गत स्वसहायता समूह के माध्यम से नर्सरी में दीदी कैफे का आउटलेट खोलकर फल-फूल एवं मदर प्लांट का विक्रय करें एवं समूह को मज़बूत बनाये। परियोजना संचालक आत्मा द्वारा परम्परागत कृषि विकास योजना अन्तर्गत प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जिले में बायो इनपुट रिसॉस यूनिट स्थापित करने एवं बनने वाले जैविक कीटनाशक के बारे में बताया गया तथा किसान उत्पादक संगठन के सदस्यों को भी रिसॉस यूनिट से जैविक उत्पाद खरीदने हेतु प्रोत्साहित किया ।
कलेक्टर ने बैठक में ईएमआरएस के टीचर बच्चों को भूमि के हेल्थ के बारे में शिक्षा देने, वेजिटेबल क्लस्टर के लिए स्थान का चयन करने, जहां से डेली सब्जी को भेजा जा सके। सौंफ के उत्पादन में टारगेट की मांग कर कार्यवाही करने ,उद्यानिकी विभाग की नर्सरी में जहां बाउंड्रीवाल नहीं है , वहां उसके लिए कार्यवाही करने, एनआरएलएम के स्व सहायता समूह जिनके पास राशि है, उनकी नर्सरी का विस्तार करने , मछली पालन विभाग के फिश पार्लर के लिए भूमि का चयन करने तथा दुग्ध समिति सांची पार्लर के लिए सभी कार्यवाही करने के भी निर्देश दिए।
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