प्रधानमंत्री ने नया संसद भवन राष्ट्र को समर्पित किया
स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी किया
29 मई 2023, नई दिल्ली: प्रधानमंत्री ने नया संसद भवन राष्ट्र को समर्पित किया – प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गत रविवार 28 मई को नवनिर्मित संसद भवन राष्ट्र को समर्पित किया। इससे पूर्व, प्रधानमंत्री ने नवनिर्मित संसद भवन में पूर्व-पश्चिम दिशा की ओर मुख करके शीर्ष पर नंदी के साथ सेंगोल को स्थापित किया। उन्होंने दीया भी प्रज्वलित किया और सेंगोल को पुष्प अर्पित किए।
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उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रत्येक राष्ट्र के इतिहास में कुछ क्षण ऐसे होते हैं जो अमर होते हैं। कुछ तिथियां समय के चेहरे पर अमर हस्ताक्षर बन जाती हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि 28 मई, 2023 एक ऐसा ही दिन है। उन्होंने कहा कि भारत के लोगों ने अमृत महोत्सव के लिए खुद को उपहार दिया है। प्रधानमंत्री ने इस गौरवशाली अवसर पर सभी को बधाई दी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह केवल एक भवन नहीं है बल्कि 140 करोड़ भारतवासियों की आकांक्षाओं और सपनों का प्रतिबिंब है। उन्होंने कहा कि ये विश्व को भारत के दृढ संकल्प का संदेश देता हमारे लोकतंत्र का मंदिर है। उन्होंने कहा कि यह नया संसद भवन योजना को वास्तविकता से, नीति को कार्यान्वयन से, इच्छाशक्ति को निष्पादन से और संकल्प को सिद्धि से जोड़ता है। यह स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को साकार करने का माध्यम बनेगा। यह आत्मनिर्भर भारत के सूर्योदय का साक्षी बनेगा और एक विकसित भारत का निर्माण होता देखेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह नया भवन प्राचीन और आधुनिक के सह-अस्तित्व का उदाहरण है।
एक श्लोक के माध्यम से लोकतंत्र के लिए नए जीवनरक्त की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए, प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि लोकतंत्र का कार्यस्थल यानी संसद भी नई और आधुनिक होनी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस भवन में विरासत के साथ-साथ वास्तु, कला, कौशल, संस्कृति और संविधान के नोट्स भी हैं। उन्होंने बताया कि लोकसभा की आंतरिक सज्जा की थीम राष्ट्रीय पक्षी मोर और राज्यसभा की थीम राष्ट्रीय फूल कमल पर आधारित है। संसद परिसर में राष्ट्रीय वृक्ष बरगद है। नए भवन में देश के विभिन्न हिस्सों की विशिष्टताओं को शामिल किया गया है। उन्होंने राजस्थान से ग्रेनाइट, महाराष्ट्र से लकड़ी और भदोई कारीगरों द्वारा कालीन का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि हम इस इमारत के कण-कण में एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना का अवलोकन करते हैं।
प्रधानमंत्री ने पुराने संसद भवन में काम करने में सांसदों के सामने आने वाली कठिनाइयों की ओर इंगित किया और सदन में तकनीकी सुविधाओं की कमी और सीटों की कमी के कारण विद्यमान चुनौतियों का उदाहरण दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक नई संसद की आवश्यकता पर दशकों से चर्चा की जा रही थी और यह समय की मांग थी कि एक नई संसद का विकास किया जाए। उन्होंने प्रसन्नता जताई की कि नया संसद भवन नवीनतम तकनीक से सुसज्जित है और सभा कक्ष भी सूरज की रोशनी से भरे पूरे हैं।
इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला और राज्य सभा के उपसभापति श्री हरिवंश नारायण सिंह सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
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