कृषक जगत समाचार@ 5.00 PM: ड्राई फ्रूट्स I ICAR-IARI पुरस्कार I खरीफ 2025 I विश्व जल दिवस I इमेजिंग टेक्नोलॉजी
02 अप्रैल 2025, नई दिल्ली: नमस्कार, आइए जानते हैं आज शाम 5 बजे तक कृषक जगत की 10 बड़ी खबरें….
1. अमेरिकी ड्राई फ्रूट्स पर भारत में घटेगा आयात शुल्क, जानिए क्यों?
भारत अमेरिका के साथ व्यापारिक रिश्तों को मजबूत करने के लिए अमेरिकी बादाम और क्रैनबेरी पर आयात शुल्क कम करने पर विचार कर रहा है। भारत और अमेरिका के बीच उन्नत चर्चाएँ चल रही हैं ताकि प्रमुख अमेरिकी कृषि उत्पादों, जैसे बादाम और क्रैनबेरी, पर आयात शुल्क में कमी की जा सके। पूरी खबर पढ़े….
2. 120 साल पूरे होने पर ICAR-IARI ने मनाया स्थापना दिवस, जानें क्या हुआ खास
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद – भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (ICAR-IARI), नई दिल्ली ने अपने 120वें स्थापना दिवस को धूमधाम से मनाया। 1905 में स्थापित इस संस्थान ने भारतीय कृषि के क्षेत्र में अपनी भूमिका को याद करते हुए एक भव्य आयोजन किया। इस मौके पर वैज्ञानिकों, किसानों और छात्रों के साथ कई बड़े नाम शामिल हुए। पूरी खबर पढ़े….
3. केजे सोमैया स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग ने 24 घंटे का एग्रीटेक हैकाथॉन आयोजित किया
सोमैया विद्याविहार विश्वविद्यालय में केजे सोमैया स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग ने 27 से 28 मार्च, 2025 तक 24 घंटे का एग्रीटेक हैकथॉन आयोजित किया, जिसका उद्देश्य भारतीय किसानों के सामने आने वाली महत्वपूर्ण चुनौतियों से निपटना था। इस आयोजन में 1,200 पंजीकरण हुए तथा पूरे भारत से कृषि, इंजीनियरिंग और प्रबंधन में विशेषज्ञता हासिल करने वाले 300 प्रतिभागियों को प्रतियोगिता के लिए चुना गया। पूरी खबर पढ़े….
4. कृषक जगत को मिला ICAR-IARI पुरस्कार
ICAR – भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI), पूसा ने आज अपने 120वें स्थापना दिवस के अवसर पर कृषक जगत के निमिष गंगराड़े को सर्वश्रेष्ठ कृषि प्रिंट मीडिया पुरस्कार से सम्मानित किया। यह सम्मान नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रदान किया गया। यह पुरस्कार मुख्य अतिथि प्रो. रमेश चंद, सदस्य, नीति आयोग, डॉ. च. श्रीनिवास राव, निदेशक एवं कुलपति – IARI, डॉ. डी. के. यादव, उप महानिदेशक (फसल विज्ञान), पूरी खबर पढ़े….
5. खरीफ 2025: डीएपी की बोरी 1350 रुपये में, चने पर 10% आयात शुल्क लागू
केंद्र सरकार ने खरीफ सीजन 2025 के लिए किसानों को राहत देने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने फॉस्फेटिक और पोटासिक (पीएंडके) उर्वरकों पर पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) दरों को मंजूरी दी है। पूरी खबर पढ़े….
6. सूने हैं पनघट और प्यासे हैं पोखर-ताल
विश्व जल दिवस के अवसर पर प्रत्येक वर्ष संयुक्त राष्ट्र द्वारा एक विश्व जल विकास रिपोर्ट जारी की जाती है जिसमें विभिन्न देशों में जल के संसाधनों, नागरिकों तक की जल की उपलब्धता, घटते भूजल के स्तर और किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख होता है। वर्ष 2025 की थीम ग्लेशियर संरक्षण है, ग्लेशियर ही नदियों के मायके हैं। पूरी खबर पढ़े….
7. MSP से कम कीमत पर न हो खरीद, राज्यों को सख्त निर्देश
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी राज्यों से आग्रह किया है कि किसानों की उपज न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से कम कीमत पर न खरीदी जाए। मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि देश में दलहन उत्पादन को आत्मनिर्भर बनाना सरकार की प्राथमिकता है। इसी दिशा में तुअर (अरहर) की खरीद बड़े पैमाने पर की जा रही है और अब इसमें तेजी आ रही है। पूरी खबर पढ़े….
8. भारत ब्रांड फर्टिलाइजर की सफलता के बाद, भारत सरकार अब लाएगी भारत बीज ब्रांड
सहकारिता मंत्रालय ने खेती की उत्पादकता को बढ़ाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत मल्टी-स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटीज (MSCS) एक्ट, 2002 के तहत भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड (BBSSL) की स्थापना की गई है। इस पहल का लक्ष्य देश भर में फैले सहकारी नेटवर्क का उपयोग करते हुए ‘भारत बीज’ नाम से उच्च गुणवत्ता वाले बीजों का उत्पादन, खरीद और वितरण करना है। पूरी खबर पढ़े….
9. कांग्रेस पर चौहान का वार- कभी किसानों की तकलीफ समझी ही नहीं
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बिते शुक्रवार 28 मार्च को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान किसानों की समस्याओं पर चर्चा की। उन्होंने डिजिटल कृषि मिशन को लेकर सरकार के प्रयासों का जिक्र किया और कहा कि यह कदम किसानों की जिंदगी में बड़ा बदलाव ला सकता है। पूरी खबर पढ़े….
10. इमेजिंग टेक्नोलॉजी: सैटेलाइट और ड्रोन की नजर में आपकी फसल, जानें कैसे बदलेगी खेती
आजकल खेती में इमेजिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल एक नई क्रांति लेकर आया है। ये तकनीक किसानों को अपनी फसलों की निगरानी करने और संसाधनों को सही ढंग से इस्तेमाल करने के लिए ऐसा डेटा दे रही है, जो पहले कभी नहीं देखा गया। अब खेती सिर्फ मेहनत और अनुभव की बात नहीं रही, बल्कि डेटा के आधार पर स्मार्ट फैसले लेने का खेल बन गई है। पूरी खबर पढ़े….