राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

कांग्रेस पर चौहान का वार- कभी किसानों की तकलीफ समझी ही नहीं

01 अप्रैल 2025, नई दिल्ली: कांग्रेस पर चौहान का वार- कभी किसानों की तकलीफ समझी ही नहीं – केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बिते शुक्रवार 28 मार्च को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान किसानों की समस्याओं पर चर्चा की। उन्होंने डिजिटल कृषि मिशन को लेकर सरकार के प्रयासों का जिक्र किया और कहा कि यह कदम किसानों की जिंदगी में बड़ा बदलाव ला सकता है। चौहान ने पूर्व की कांग्रेस सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा, “कांग्रेस ने आजादी के बाद लंबे समय तक शासन किया, लेकिन किसानों की तकलीफ को कभी नहीं समझा।”

उन्होंने मशहूर उपन्यासकार श्रीलाल शुक्ल के ‘राग दरबारी’ का हवाला देते हुए ‘किसान लंगड़’ पात्र का जिक्र किया। चौहान ने कहा, “लंगड़ अपनी जमीन की नकल लेने तहसील जाता था, लेकिन उसे बार-बार भटकना पड़ता था और अंत में कुछ नहीं मिलता था। उसकी तकलीफ को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समझा और डिजिटल कृषि मिशन शुरू किया।”

4.60 करोड़ से ज्यादा फॉर्मर आईडी तैयार

चौहान के मुताबिक, अब तक 4 करोड़ 60 लाख से ज्यादा किसानों को फॉर्मर आईडी दी जा चुकी है। इस सिस्टम से जमीन की खरीद-बिक्री में पारदर्शिता आएगी। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “अगर कोई किसान अपनी जमीन बेचता है, तो रजिस्ट्री में तुरंत अपडेट हो जाएगा कि जमीन अब शिवराज के नाम नहीं, बल्कि गिरिराज के नाम है।” इसके अलावा, डिजिटल फसल सर्वेक्षण से यह भी पता चलेगा कि किसान ने कौन सी फसल बोई है, जिससे सरकारी योजनाओं का लाभ सही तरीके से मिल सके।

शिकायतों का समाधान और डाटा सुरक्षा पर जोर

किसान रजिस्ट्री में अगर कोई दिक्कत आती है, तो इसके लिए सरकार ने शिकायत निवारण तंत्र बनाया है। चौहान ने बताया कि किसान मोबाइल या वेब एप्लिकेशन के जरिए अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। साथ ही, डिजिटल धोखाधड़ी और डाटा के दुरुपयोग को रोकने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा, “किसानों का डाटा निजी है। जब तक किसान सहमति नहीं देता, इसे किसी के साथ साझा नहीं किया जाएगा।”

चौहान ने एक पुराने प्रधानमंत्री के बयान का जिक्र करते हुए कहा, “पहले कहा जाता था कि एक रुपया भेजा जाता है, तो 15 पैसे पहुंचते हैं। लेकिन आज मोदी जी एक क्लिक करते हैं और 9 करोड़ 80 लाख किसानों के खाते में पैसा पहुंच जाता है।” उन्होंने इसे डिजिटल क्रांति का नतीजा बताया। साथ ही कहा, “हम जो कहते हैं, वो करते हैं। यह भाजपा का मूलमंत्र है।”

किसानों की आय बढ़ाने की कोशिश

कृषि मंत्री ने यह भी बताया कि सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रही है। किसान रजिस्ट्री को राज्यों के राजस्व रिकॉर्ड से जोड़ा गया है, ताकि जमीन की सही जानकारी तुरंत अपडेट हो सके। हालांकि, विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “कई राजनीतिक दल झूठे वादे करते हैं और जनता के साथ धोखा करते हैं।”

कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि डिजिटल कृषि मिशन से पारदर्शिता तो बढ़ सकती है, लेकिन इसके लिए जमीनी स्तर पर जागरूकता और तकनीकी संसाधनों की जरूरत है। कई किसानों के पास अभी भी स्मार्टफोन या इंटरनेट की सुविधा नहीं है, जिससे इस योजना का पूरा फायदा उठाना चुनौती हो सकता है।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements