राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

उत्तर प्रदेश में सितंबर से शुरू होगी 21वीं पशुगणना

19 जुलाई 2024, लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सितंबर से शुरू होगी 21वीं पशुगणना – उत्तर प्रदेश में आगामी सितम्बर महीने से 21वीं पशुगणना शुरू होगी। इसके लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान (एसआईआरडी) लखनऊ में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड के 175 पशुचिकित्सक, जनगणना अधिकारी और नोडल अधिकारी शामिल हुए।

यह प्रशिक्षण मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से आयोजित किया गया। इसमें अधिकारियों को सॉफ्टवेयर और नस्लों के बारे में जानकारी दी गई, ताकि 21वीं पशुधन गणना को सही और कुशलतापूर्वक अंजाम दिया जा सके। कार्यक्रम का उद्घाटन उत्तर प्रदेश के पशुपालन एवं डेयरी विकास मंत्री माननीय धर्मपाल सिंह ने किया। उन्होंने कहा कि पशुधन गणना से प्राप्त आंकड़ों के विश्लेषण और तर्कसंगत उपयोग से भविष्य की योजनाओं और नीतियों को बनाने में मदद मिलेगी।

भारत सरकार ने पांच राज्यों – कर्नाटक, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश, गुजरात और अरूणाचल प्रदेश को पायलट सर्वे हेतु चयनित किया है। प्रमुख सचिव ने बताया कि इस बार भी पशुगणना NDLM (National Digital Livestock Mission) द्वारा विकसित एंड्राइड एप पर कराई जाएगी, जिसमें नस्लवार पशुगणना की जाएगी।

2019 की पशुगणना के आंकड़े

मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि 2019 की पशुगणना के अनुसार उत्तर प्रदेश में 190.20 लाख गोवंश, 330.17 लाख भैंस, 9.85 लाख भेड़, 144.80 लाख बकरियां और 4.09 लाख सुअर हैं। उन्होंने कहा कि पशुगणना हर पांच साल में होती है और इस साल 21वीं पशुगणना सितंबर से दिसंबर 2024 के बीच कराई जाएगी।

कार्यक्रम में प्रमुख सचिव, पशुधन, उ.प्र. शासन श्री रविन्द्र, विशेष सचिव श्री देवेन्द्र पाण्डेय, सलाहकार (सांख्यकीय) श्री जगत हजारिका, निदेशक पशुपालन साख्यकीय श्री वी.पी. सिंह, निदेशक प्रशासन एवं विकास डा. आर.एन. सिंह, रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र निदेशक डा. पी.एन. सिंह और तीन प्रदेशों के प्रतिभागी उपस्थित थे।

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