राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

सटीक खेती का युग: एआई और आईओटी आधारित तकनीकों का विस्तार

11 दिसंबर 2024, नई दिल्ली: सटीक खेती का युग: एआई और आईओटी आधारित तकनीकों का विस्तार – कृषि क्षेत्र में चुनौतियों से निपटने और किसानों की मदद के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित कई पहल शुरू की गई हैं। एआई का उपयोग न केवल किसानों की समस्याओं का समाधान करने में हो रहा है, बल्कि यह उपज बढ़ाने और संसाधनों के कुशल उपयोग में भी सहायक साबित हो रहा है।

किसान ई-मित्र’ चैटबॉट: किसानों के सवालों के त्वरित समाधान

‘किसान ई-मित्र’ एक एआई संचालित चैटबॉट है जो पीएम किसान सम्मान निधि योजना से जुड़ी जानकारी प्रदान करता है। यह चैटबॉट कई भाषाओं में उपलब्ध है और अन्य सरकारी योजनाओं से जुड़ी सहायता प्रदान करने की क्षमता भी विकसित कर रहा है।

जलवायु परिवर्तन के कारण फसलों को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली शुरू की गई है। यह प्रणाली फसल की समस्याओं की पहचान करने के लिए एआई और मशीन लर्निंग का उपयोग करती है। इस तकनीक के जरिए समय पर फसलों की सुरक्षा के उपाय किए जा सकते हैं।

चावल और गेहूं की फसलों की निगरानी के लिए एआई आधारित विश्लेषण का उपयोग किया जा रहा है। इसमें सैटेलाइट, मौसम और मिट्टी की नमी डेटा सेट्स के साथ-साथ फील्ड फोटोज का उपयोग किया जाता है। यह प्रणाली फसलों की स्थिति का आकलन कर उनकी उत्पादकता बढ़ाने में मदद करती है।

सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली: पानी की बचत और आय में वृद्धि

देश में सूक्ष्म सिंचाई को बढ़ावा देने के लिए प्रति बूंद अधिक फसल (पीडीएमसी) योजना लागू की गई है। इस योजना के तहत ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणालियों के उपयोग पर जोर दिया गया है। इन तकनीकों से न केवल जल उपयोग दक्षता में वृद्धि हुई है, बल्कि उर्वरकों और श्रम व्यय में भी कमी आई है।

सरकार द्वारा पीडीएमसी योजना के तहत छोटे और सीमांत किसानों को 55% और अन्य किसानों को 45% तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। इसके अतिरिक्त, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने आईओटी आधारित सिंचाई प्रणाली विकसित की है, जिसका चयनित फसलों के लिए परीक्षण किया गया है।

यह जानकारी कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री राम नाथ ठाकुर ने लोकसभा में लिखित उत्तर के माध्यम से दी।

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