सूख रहे शिमला में चेरी के पेड़, विश्वविद्यालय पहुंचे किसान
21 सितम्बर 2022, नई दिल्ली: सूख रहे शिमला में चेरी के पेड़, विश्वविद्यालय पहुंचे किसान – ऊपरी शिमला के बाघी क्षेत्र में लीफ हॉपर के प्रकोप के कारण चेरी के पेड़ सूख रहे हैं । चेरी किसानों ने क्षेत्र में पेड़ों के सूखने का कारण जानने के लिए बागवानी और वानिकी विश्वविद्यालय से संपर्क किया था।
विश्वविद्यालय ने स्थिति का आकलन करने के लिए विशेषज्ञों की एक टीम भेजी और चेरी के पेड़ों के सूखने के कारण के रूप में फाइटोप्लाज्मा की उपस्थिति को जिम्मेदार ठहराया है। फ्लोरेसेंस माइक्रोस्कोपी के माध्यम से फाइटोप्लाज्मा की उपस्थिति की पुष्टि की गई थी। इस रोगज़नक़ का वेक्टर/स्प्रेडर कीट लीफ हॉपर है।
विश्वविद्यालय ने क्षेत्र में फसल बचाने के लिए कीट नियंत्रण कार्रवाई करने की सलाह दी है साथ ही जागरूकता फैलाने के लिए शिविर आयोजित करने की योजना बनाई है। यदि इस मामले में वेक्टर (कीट लीफ हॉपर) को नियंत्रित नहीं किया जाता है, तो फाइटोप्लाज्मा संक्रमण क्षेत्र के चेरी के पेड़ों को मिटा देने की क्षमता रखता है।
लगभग दो दशक पहले, फाइटोप्लाज्मा ने सिरमौर जिले के राजगढ़ में आड़ू (पीच) के पेड़ों को संक्रमित किया था, जिसे एशिया का आड़ू कटोरा भी कहा जाता था। इस प्रकोप ने क्षेत्र के अधिकांश आड़ू के बागों को नष्ट कर दिया था। चेरी फसल को बचाने के लिए संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए विभाग और विश्वविद्यालय से तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है।
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