दाल मिल एसोसिएशन ने 5% जीएसटी वापस लेने की मांग की
9 जुलाई 2022, इंदौर: दाल मिल एसोसिएशन ने 5% जीएसटी वापस लेने की मांग की – ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को ज्ञापन भेजकर नॉन ब्रांडेड दाल दलहन (तुअर, मूंग,उड़द, मसूर, चना इत्यादि) और अन्य जीवनोपयोगी खाद्यान्न पर 18 जुलाई से प्रस्तावित 5% जीएसटी लगाने के निर्णय का विरोध कर इसे देश के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों पर कुठाराघात बताते हुए तत्काल प्रभाव से वापस लेने का अनुरोध किया है |
ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री सुरेश अग्रवाल ने प्रेस विज्ञप्ति मे बताया कि गत दिनों जीएसटी काउन्सिल ने देश के विभिन्न राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ बैठक में नॉन ब्रांडेड दाल दलहन (तुअर, मूंग, उड़द, मसूर, चना इत्यादि) और अन्य जीवनोपयोगी खाद्यान्न एवं अन्य खाद्य पदार्थों पर आगामी 18 जुलाई से 5% जीएसटी लगाना प्रस्तावित किया है। इसके विरोध में एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केन्द्रीय वित्तमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण को भेजे ज्ञापन में ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि वर्ष 2017 में जीएसटी लागू करते समय प्रधानमंत्री ने स्पष्ट आश्वासन दिया था कि सभी प्रकार की दालों और जीवनोपयोगी खाद्यान्न एवं अन्य खाद्य पदार्थों को जीएसटी के दायरे से मुक्त रखा जाएगा । लेकिन अब सरकार द्वारा अपना निर्णय बदलते हुए अति आवश्यक खाद्य वस्तुओं पर 5% जीएसटी लगा देने के प्रस्ताव से दालें आम जनता को महंगी मिलेंगी | रजिस्टर्ड ब्रांड खाद्यान्न पर 5% जीएसटी पहले से ही लगा रखी है। अब नॉन ब्रांडेड खाद्य वस्तुओं पर भी 5% जीएसटी लगाने के प्रस्ताव से देश के 5 करोड़ खुदरा व्यापारी कारोबार से धीरे-धीरे बाहर होते जाएंगे। अभी भारत में 85% छोटे-छोटे उद्योग, व्यापारी और कारोबारी जीएसटी मुक्त नॉन ब्रांडेड खाद्यान्न का व्यापार करते हैं।
ज्ञापन में कहा गया कि इस निर्णय से खाद्य पदार्थों पर बड़ी कंपनियों का एकाधिकार हो जाएगा। वे अधिक स्टॉक जमा करेंगी। इससे महंगाई और मुनाफाखोरी को बढ़ावा मिलेगा। 5% जीएसटी का खर्च भी अंत में किसानों पर आयेगा। सरकार के इस फैसले से देश के छोटे व्यापारियों और कारोबारियों पर विपरीत असर पड़ेगा , छोटे-छोटे पैकिंग में पैक करने पर दालों की कीमत बढ़ेगी तथा जीएसटी का भार आम उपभोक्ता पर आएगा, स्वच्छ व्यापार के स्थान पर अवैध व्यापार की आशंका बढ़ेगी तथा व्यापारिक गतिविधियाँ गलत दिशा की ओर जाएंगी। अतः देश के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों के हित में सरकार से अनुरोध है कि नॉन ब्रांडेड दाल, दलहन और अन्य खाद्य पदार्थों पर 5% जीएसटी लगाने के प्रस्ताव को वापस लिया जाए ।
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