फसल की खेती (Crop Cultivation)

नाईट्रोजन पूर्ति करने वाले जैव उर्वरक राइजोबियम एवं एजेटोबैक्टर 

14 अक्टूबर 2022, भोपाल: नाईट्रोजन पूर्ति करने वाले जैवउर्वरक राइजोबियम एवं एजेटोबैक्टर – जैव उर्वरक विशिष्ट प्रकार के जीवाणुओं का एक विशेष प्रकार के माध्यम, चारकोल, मिट्टी या गोबर की खाद में ऐसा मिश्रण है जो कि वायु मंडलीय नत्रजन को यौगिकीकरण द्वारा पौधों को उपलब्ध कराती है या मिट्टी में उपलब्ध अघुलनशील फास्फोरस अवस्था में परिवर्तित करके पौधों को उपलब्ध कराता है। जैव उर्वरक रसायनिक उर्वरकों का विकल्प तो नहीं है, परंतु पूरक अवश्य है। इनके प्रयोग से रसायनिक उर्वरकों की 1/3 मात्रा तक की बचत हो जाती है।

नाईट्रोजन पूर्ति करने वाले जैव उर्वरक

राइजोबियम

यह जीवाणु सभी दलहनी फसलों व तिलहनी फसलों जैसे सोयाबीन और मूंगफली की जड़ों में छोटी-छोटी ग्रन्थियों में पाया जाता है जो सह जीवन के रूप में कार्य कर, वायु मंडल में उपलब्ध नाइट्रोजन को पौधों को उपलब्ध कराता है। राईजोबियम जीवाणु अलग-अलग फसलों के लिये अलग-अलग होता है। इसलिये बीज उपचार हेतु उसी फसल का कल्चर प्रयोग करना चाहिए।

एजेटोबैक्टर

यह भी एक प्रकार का जीवाणु है जो भूमि में पौधे की जड़ की सतह पर स्वतंत्र रूप से रहकर आक्सीजन की उपस्थिति में वायुमंडलीय नत्रजन को अमोनिया में परिवर्तित करके पौधों को उपलब्ध कराता है। इसके प्रयोग से फसलों की उपज में 10-15 प्रतिशत तक वृद्धि हो जाती है। इसका प्रयोग सभी तिलहनी, अनाज वाली, सब्जी वाली फसलों में किया जा सकता है।

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