राज्य कृषि समाचार (State News)

कृषि मंडियों में सोयाबीन की कम आवक से दाम बढ़े

बेमौसम बरसात का असर

12 अक्टूबर 2022, भोपाल: कृषि मंडियों में सोयाबीन की कम आवक से दाम बढ़े – सोया राज्य कलहाने वाले म.प्र. में गत एक सप्ताह से हो रही बेमौसम बरसात के कारण सोयाबीन की खड़ी फसल तथा खेतों में कटी हुई पड़ी फसल पानी में डूब गई है। जिससे भारी नुकसान पहुंचा है, उत्पादन घटने की संभावना है। साथ ही कटाई प्रभावित होने के कारण मंडियों में आवक घट गई है, इससे सोयाबीन के दामों में तेजी आ गई है। इस साल देश में 120.70 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन बोई गई है तथा उत्पादन 128 लाख टन होने का अनुमान है। वहीं म.प्र. में 50.38 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन की बोनी हुई है तथा उत्पादन 55 से 60 लाख टन होने का अनुमान लगाया गया है परन्तु पानी के कारण सोयाबीन दागदार हो गयी है और उत्पादन तथा उत्पादकता भी घटने की आशंका है।

ज्ञातव्य है मध्यप्रदेश में इस वर्ष लगभग 4 लाख हेक्टेयर सोयाबीन का रकबा घटा है उत्पादन में कमी आना ही थी, अब बेमौसम बरसात ने बची कसर पूरी कर दी है। फसल कटाई नहीं हो पा रही है जिससे मंडियों में आवक कमजोर पड़ गई है। इस कारण कीमतें उछलने लगी है। दामों में तेजी आई है। पिछले दिनों 4800 से 4900 रुपये क्विंटल बिकने वाला पुराना सोयाबीन अब 5000 से 5600 रुपये क्विंटल तक बिक रहा है। इसी तरह 3500 से 4700 रुपये प्रति क्विंटल तक बिकने वाला नया सोयाबीन अब 3800 से 4800 रुपये क्विंटल बिक रहा है।

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म.प्र. की बदनावर मंडी में 5700 रुपये क्विंटल तक सोयाबीन के भाव चढ़े। वहीं खातेगांव मंडी में 5240, नीमच में 4951, खरगोन मंडी में 4785 रुपये प्रति क्विंटल तक किसानों को रेट मिले। बीते कुछ दिनों में बारिश के कारण औसतन 150 से 250 रुपये क्विंटल तक सोयाबीन के दामों में वृद्धि हुई है।

बालागांव हरदा के कृषक श्री नन्हेलाल भाटी ने कृषक जगत को बताया कि बारिश के कारण कटाई पिछड़ गई है, अभी एक सप्ताह तक कटाई नहीं हो पाएगी। उन्होंने बताया कि कुछ फसल कटी पड़ी थी वह डूब गई है तथा सड़ रही है। अंकुरित होने की नौबत आ गई है। ऐसे में रबी फसलों की तैयारी नहीं हो पा रही है क्योंकि सोयाबीन काटने और बेचने में ही समय लगेगा।

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