खरगोन के रामचंद्र पाटीदार प्राकृतिक खेती को दे रहे है बढ़ावा
27 अक्टूबर 2022, खरगोन: खरगोन के रामचंद्र पाटीदार प्राकृतिक खेती को दे रहे है बढ़ावा – प्रदेश में बुधवार को गौवर्धन पूजा को पर्यावरण संरक्षण एवं प्राकृतिक खेती के रूप में मनाया गया। बुधवार को भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे हॉल में पर्यावरण संरक्षण एवं प्राकृतिक खेती विषय पर कार्यशाला आयोजित हुई। इस कार्यशाला को वर्चुअली रूप में कलेक्टर वीसी कक्ष व जनपद स्तर पर भी इन कार्यक्रम को जन अभियान परिषद की नवांकुर संस्थाओं तथा सामाजिक संस्थाओं के सदस्यों ने भी सहभागिता की।
प्राकृतिक तौर तरीके से लौटी रामचंद्र की भूमि की उर्वरा शक्ति
खरगोन जनपद में रजूर गांव के रामचंद्र पाटीदार अपनी भूमि की 10 वर्ष पूर्व उर्वरा शक्ति क्षीण हो जाने के बाद निराश हो चुका था। मगर अपनी साहस, सोच और मिट्टी में जीवांश के प्रबंधन से भूमि की उर्वरा शक्ति पुनः प्राप्त कर ली है। आज रामचंद्र पाटीदार अमरूद की खेती से लाखों की उपज कर अलावा अदरक की खेती भी कर रहा है। ये सब उसके लिए इतना आसान नही था।
खेती से सिर्फ उपज ही ले जाते है घर
रामचंद्र ने बताया कि खेती से वे सिर्फ अनाज या फल सब्जी ही ले जाते है। बाकी फसल से निकला अन्य भाग भूमि में ही छोड़ देते है। इसके अलावा खेत में से निकले खरपतवार को उखाड़ कर उसकी बेड बनाकर खेती में जीवांश या उर्वरा शक्ति लौटाने पर हमेशा विचार करते है। साथ ही वे रासायनिक खाद और कीटनाशकों का उपयोग बिल्कुल छोड़ चुके है।
मिट्टी में जीवांश की उपलब्धता के लिए ये करते है काम
रामचंद्र पाटीदार मिट्टी में जीवांश की उपलब्धता के लिए वो न सिर्फ वेस्टडिकम्पोजर, गोकृपा अमृतं, जीवामृत, बीजामृत बल्कि इन सब से अलग खेत से सिर्फ अनाज या फल ले जाने का काम करता है। बाकी फसलो का आच्छादन पूरा भूमि/ खेत मे ही छोड़ देता है। इसका परिणाम ये हुआ कि कंकरीली मिट्टी में भी बाग सजा है।
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