राज्य कृषि समाचार (State News)

प्राकृतिक खेती को बढ़ावा इसलिए इस राज्य में होगा करोड़ों का खर्च

28 फ़रवरी 2025, भोपाल: प्राकृतिक खेती को बढ़ावा इसलिए इस राज्य में होगा करोड़ों का खर्च – देश में अधिकांश राज्यों में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है और इसमें किसानों की भी रूचि हो रही है। यही कारण है कि अब अधिकांश किसान परंपरागत खेती के साथ प्राकृतिक खेती भी कर रहे है। इसी कड़ी में यूपी में भी प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है और इसके लिए सरकार 272 करोड रूपए भी खर्च करेगी।

यूपी की सरकार ने सरकार ने 272 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनाई है, ताकि प्रदेश के 54 जनपदों में परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत खेती की जा सकें । इसके अलावा बुंदेलखंड को प्राकृतिक खेती के लिए उत्तर प्रदेश का हब बनाने की सरकार की तैयारी है।


प्राकृतिक खेती में रासायनिक खादों और कीटनाशकों की जगह जैविक उत्पादों का उपयोग किया जाएगा, ताकि जल, जमीन को बचाया जा सके । सरकार ने गंगा के साथ अन्य नदियों के किनारों पर 5 किलोमीटर के दायरे में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की योजना बनाई है। इस पर 270.62 करोड़ रुपये खर्च होंगे और 1886 क्लस्टर बनाए जाएंगे। इस योजना के तहत, गंगा और अन्य नदियों के किनारों पर रासायनिक खादों के रिसाव को रोका जाएगा। इस कदम से कदम गंगा और अन्य नदियों के किनारे के 27 जनपदों में नमामि गंगे योजना के अंतर्गत पहले से चल रही रसायन मुक्त खेती को और भी बढ़ावा देगा। सरकार ने कृषि विभाग के बजट में प्राकृतिक खेती के लिए 124 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जिससे 10 हजार हेक्टेयर में प्राकृतिक खेती हो रही है। इस समय 5000 क्लस्टर में लगभग 18,000 किसान प्राकृतिक खेती कर रहे हैं। यह कदम प्रदेश के जैविक कृषि क्षेत्र को और भी मजबूत बनाएगा, विशेष रूप से गंगा के मैदानी इलाकों में जहां जैविक खेती की संभावना बहुत अधिक है।

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्रामव्हाट्सएप्प)

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.krishakjagat.org/kj_epaper/

कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:

www.en.krishakjagat.org

Advertisements