कपास (121-150 दिन) में टिंडे की सुंडियों पर नियंत्रण कैसे करें?
17 जुलाई 2023, भोपाल: कपास (121-150 दिन) में टिंडे की सुंडियों पर नियंत्रण कैसे करें? – केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान- सिरसा, हरियाणा ने नरमा कपास फसल की उच्च पैदावार प्राप्त करने के लिए किसानों को सलाह जारी की हैं। इस सलाह में संस्थान द्वारा नरमा कपास किसानों को 121-150 दिन के टिंडे की सुंडियों के प्रकोप से फसल को बचाने व इन कीटो पर नियंत्रण करने के बारे में बताया गया हैं।
कपास में गुलाबी सुंडी का नियंत्रण-
गुलाबी सुंडी के नियंत्रण के लिए फसल पर इथियोन 50 ई.सी (2000 मि.ली.) या फेनवेलरेट 20 ई.सी (250-500 मि.ली.) या साइहलोथ्रिन 5 ई.सी. (500 मि.ली.) साइपरमेथ्रिन 10 ई.सी. (500-625 मि.ली) या साइपरमेथ्रिन 25 ई.सी. (250-500 मि.ली.) या डेल्टामेथ्रिन 2.8 ई.सी. (400-500 मि.ली.) या एल्फामेथ्रिन 10 ई.सी. (250-310 मि.ली.) या फेनप्रोपेथ्रिन 10 ई.सी. (750 मिली.) प्रति हेक्टेयर छिड़काव करें।
कपास की फसल में अंतिम सिंचाई कब तक करें?
फसल में अंतिम सिंचाई सितम्बर माह के अंत तक कर देनी चाहिए। फसल की कटाई आर्थिक सुगमता के साथ जल्दी करनी चाहिए, ताकि आगामी फसल में सुंडियों का प्रकोप कम हो।
अंतिम चुगाई के बाद खेत में बचे अध खुले व खराब टिंडों को नष्ट करने के लिए खेत में भेड़ बकरी को चरने दें, यदि संभव हो तो कपास के डंठलो को काटने के बाद मिट्टी में दबा देने चाहिए।
कीटनाशक के छिड़काव के लिए 150-200 लीटर पानी प्रति एकड़ यानि 375-500 लीटर प्रति हेक्टेयर पानी का प्रयोग करे।
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