बीजामृत (बीज अमृत) से सोयाबीन बीज उपचार कैसे करें
21 जून 2022, नई दिल्ली । बीजामृत (बीज अमृत) से सोयाबीन बीज उपचार कैसे करें – किसान मित्रों! बुआई करने से पहले बीजों का संस्कार अर्थात् संशोधन करना बहुत जरूरी है। इसके लिए बीजामृत बहुत ही उत्तम है। जीवामृत की भांति ही बीजामृत में भी वही चीजें डाली हैं जो हमारे पास बिना किसी कीमत के मौजूद हैं। बीजामृत निम्नलिखित सामग्री से बनता है-
- देशी गाय का गोबर – 5 कि.ग्रा.
- गोमूत्र – 5 लीटर
- चूना या कली – 250 ग्रा.
- पानी – 20 लीटर
- खेत की मिट्टी – मुट्ठी भर
इन सभी पदार्थों को पानी में घोलकर 24 घंटे तक रखें। दिन में दो बार लकड़ी से इसे हिलाना है। इसके बाद बीजों के ऊपर बीजामृत डालकर उन्हें शुद्ध करना है। उसके बाद छाया में सुखाकर फिर बुआई करनी है।
बीजामृत द्वारा शुद्ध हुए बीज जल्दी और ज्यादा मात्रा में उगते हैं। जड़ें तेजी से बढ़ती हैं। पौधे, भूमि द्वारा लगने वाली बीमारियों से बचे रहते हैं एवं अच्छी प्रकार से पलते-बढ़ते हैं।
बीजामृत (बीज अमृत) बनाने की विधि
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