फसल की खेती (Crop Cultivation)

छिंदवाड़ा जिले में 2856 कृषक प्राकृतिक खेती में पंजीकृत

21 जुलाई 2022, छिंदवाड़ा । छिंदवाड़ा जिले में 2856 कृषक प्राकृतिक खेती में पंजीकृत जीवामृत, बीजामृत, घनजीवामृत, नीमास्त्र, ब्रह्मास्त्र, हरी खाद जैसे कई घटकों के उपयोग से प्राकृतिक खेती की जा सकती है। जिले की 1702 हेक्टेयर भूमि पर 2856 कृषकों ने प्राकृतिक खेती करने हेतु पंजीयन कराया है। जिले के उप संचालक कृषि श्री जितेंद्र सिंह बताते हैं कि प्राकृतिक खेती का मुख्य आधार देसी गाय है यह भूमि के प्राकृतिक स्वरूप को बनाए रखती है।

जिले में कृषक प्राकृतिक खेती करने में रुचि ले रहे हैं। मुख्यत: तामिया, हर्रई, जुन्नारदेव, बिछुआ एवं अमरवाड़ा विकासखंडों के कृषक का पंजीयन में अधिक प्रतिशत है। प्राकृतिक खेती से भूमि की भौतिक गुणवत्ता में सुधार के साथ-साथ पोषक तत्वों की उपलब्धता एवं भूमि में पाए जाने वाले लाभकारी जीव-जंतु में वृद्धि होती है। मप्र में प्राकृतिक खेती के लिए पंजीकृत रकबा करने में जिला छिंदवाड़ा प्रदेश में आगे है।

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