फसल की खेती (Crop Cultivation)

राजस्थान के लिए उच्च उपज देने वाली ज्वार की किस्में

15 अप्रैल 2025, नई दिल्ली: राजस्थान के लिए उच्च उपज देने वाली ज्वार की किस्में – राजस्थान के विविध कृषि क्षेत्रों में ज्वार की बेहतर पैदावार के लिए विशिष्ट संकर(हाइब्रिड) किस्मों की आवश्यकता होती है। मध्यम से भारी मिट्टी वाले क्षेत्रों में, CSH 14, CSH 23, CSH 25, और CSH 27 जैसी संकर किस्मों की सिफारिश की जाती है। अर्ध-शुष्क और संक्रमणकालीन क्षेत्रों में, CSH 16, CSH 18, और CSH 23 किस्में उपयुक्त हैं।

अनुशंसित संकर किस्में

  • मध्यम से भारी मिट्टी वाले क्षेत्र: CSH 14, CSH 23, CSH 25, CSH 27
  • अर्ध-शुष्क और संक्रमणकालीन क्षेत्र: CSH 16, CSH 18, CSH 23

अनुशंसित किस्में

  • CSV 15
  • CSV 17
  • CSV 20
  • CSV 23

बुवाई की विधि

ज्वार की बुवाई बैल या ट्रेक्टर द्वारा खींचे जाने वाले दो या तीन नोक वाले बीज ड्रिल से की जाती है, जिसमें बीज को मिट्टी में 7 सेमी की गहराई पर बोया जाता है। बीज ड्रिल से बुवाई के बाद एक हल्की जुताई करके बीज को ढक दिया जाता है। इसके अलावा, ट्रैक्टर द्वारा खींचे जाने वाले चार नोक वाले बीज ड्रिल से भी बुवाई की जाती है, जिसमें बीज ड्रिल के साथ लगे ब्लेड से बीज को तुरंत ढक दिया जाता है।

बुवाई का समय

खरीफ ज्वार के लिए सबसे उपयुक्त बुवाई का समय मई के अंतिम सप्ताह से जुलाई के दूसरे पखवाड़े तक है।

बीज दर, अंतराल और पौधों की संख्या

  • बीज दर: 8-10 किग्रा/हेक्टेयर
  • अंतराल: पंक्ति से पंक्ति 45 सेमी और पौधे से पौधा 15 सेमी
  • पौधों की संख्या: 2.1 से 2.2 लाख/हेक्टेयर

उर्वरक प्रबंधन

बुवाई के समय 50% नाइट्रोजन और पूरी फॉस्फोरस मात्रा दी जाए, शेष 50% नाइट्रोजन बुवाई के 30 दिन बाद दी जाए।

80 किग्रा नाइट्रोजन (N), 40 किग्रा फॉस्फोरस (P2O5)/हेक्टेयर

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