कोरोमंडल के उर्वरक ग्रोमोर / गोदावरी डीएपी की विशेषतांए और फायदे
13 अप्रैल 2023, भोपाल: कोरोमंडल के उर्वरक ग्रोमोर / गोदावरी डीएपी की विशेषतांए और फायदे – कोरोमंडल का उर्वरक ग्रोमोर / गोदावरी डीएपी में बेसल ड्रेसिंग के लिए 18% नाइट्रोजन और 46% फॉस्फोरस होता है। इसके साथ ही यह धान, ज्वार, मक्का, तिलहनी फसलों आदि के लिए आदर्श है। इसका पैक आकार 50 किलो़ का होता हैं।
कोरोमंडल के उर्वरक ग्रोमोर / गोदावरी डीएपी की विशेषतांए-
i. गोदावरी डीएपी (N:P2O5 18:46), एक ऐसा जटिल उर्वरक है जिसमे 1:2.5 के अनुपात में, पौधों के दो मुख्य पोषक तत्व – नाइट्रोजन और फास्फोरस मौजूद है।
ii. संपूर्ण नाइट्रोजन अमोनिकल रूप में होता है और ज़्यादातर फास्फोरस पानी में घुलनशील रूप (41.6%) में होता है।
कोरोमंडल के उर्वरक ग्रोमोर / गोदावरी डीएपी की फायदे-
i. डीएपी का उपयोग किसी भी प्रकार की मिट्टी, चाहे हल्की हो या भारी और सभी कृषि-जलवायु परिस्थितियों में किया जा सकता है।
ii. पानी में घुलनशील होने के कारण इसमें मौजूद नाइट्रोजन और फॉस्फेट दोनों ही फसलों को आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं।
iii. 1:2.5 का एनपी अनुपात सभी फसलों की बेसल ड्रेसिंग के लिए एक वैज्ञानिक संयोजन है और दोनों पोषक तत्व रासायनिक रूप से संयुक्त होते और परस्पर क्रिया एक साथ होती है।
कोरोमंडल के उर्वरक ग्रोमोर / गोदावरी डीएपी के उपयोग की मात्रा (किलो प्रति एकड़)
i. यह बेसल ड्रेसिंग के लिए सभी फसलों के लिए एक आदर्श और उपयुक्त जटिल उर्वरक है। विशेष रूप से खाद्य फसलों के लिए उपयुक्त – धान, गेहूं, मक्का: 80-100 किलो; वाणिज्यिक फसलें – गन्ना, तंबाकू, कपास और मिर्च: 120-150 किलो; तिलहनी फसलें – मूंगफली, सोयाबीन और दलहन: 50 किलो।
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