ड्रोन के कृषि उपयोग हेतु तकनीक मार्गदर्शिका
इंजी. कुमार सोनी, डॉ.शेखर सिंह बघेल, डॉ. एन. के. सिंह, डॉ. के. के. देशमुख, डॉ. के. पी. एस सैनी एवं डॉ. जी. के. राणा जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, कृषि विज्ञान केन्द्र, सिवनी(म.प्र.)
02 फरवरी 2024, सिवनी: ड्रोन के कृषि उपयोग हेतु तकनीक मार्गदर्शिका – मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी), ड्रोन का उपयोग फसल इनपुट (पौधों की सुरक्षा और फसल पोषक तत्वों) के अनुप्रयोग के लिए प्रभावी बनाने के लिये किया जा रहा है। ड्रोन से छिडकाव करने से समय और श्रम की भारी बचत होती है साथ ही बहुत कम समय में बडे क्षेत्रों पर छिड़काव किया जा सकता है। यह मिट्टी को संकुचित किए बिना स्प्रे उपचार द्वारा समयबद्धता में कार्य को पूर्ण करता है। ड्रोन का उपयोग कीटों का समय पर पता लगाने, फसल स्वास्थ्य की निगरानी, लक्षित इनपुट अनुप्रयोग और फसल की उपज व फसल के नुकसान का तेजी से आकलन करने के लिए भी किया जा रहा है।
ड्रोन छिडकाव के दौरान कुछ समस्याएं भी आती हैं। तेज हवा की गति, तापमान का प्रभाव, पेड़, जलमार्ग, ओवरहेड बिजली लाइनें भी कुछ क्षेत्रों को ड्रोन के प्रयोग करने से रोकती हैं। अस्थिरता और स्प्रे बहाव ड्रोन छिड़काव से जुडी समस्याएं हैं जो गलत तरीके से छिड़काव करने पर पर्यावरण प्रदूषण का कारण बन सकती हैं। ड्रोन के असुरक्षित संचालन से ऑपरेटरों और अन्य लोगों की सुरक्षा संबंधी चिंताएं पैदा हो सकती हैं।
मौजूदा जलवायु परिस्थितियों अनुरूप न्यूनतम फसल इनपुट से फसल उत्पादन को अधिकतम करने के लिए, आवश्यकता-आधारित, स्थान विशिष्ट प्रौद्योगिकी की आवश्यकता होती है। ड्रोन छिड़काव को लोकप्रिय बनाने के लिए इन सभी बिंदु को सम्मलित करके उपयोग मार्गदर्शिका को किसानो तक पहुंचाना अति अवाश्यक है ताकि कुछ गलतफेमीयों के कारण यह उन्नत तकनीक कुछ सिमित क्षेत्रों सिमटकर ना रह जाये।
सामान्य फसल विशिष्ट ड्रोन उपयोग प्रासंगिक मापदंड
ड्रोन उड़ान गति (मी/सकेंड)
छिडकाव के दौरान | 5 से 5.0 |
टर्निंग के दौरान व अन्य कार्य के दौरान | 5.5 |
फसल छत्र से ऊंचाई (मीटर)
अच्छी खडी फसलें के लिये | 1.5 से 2.5 |
लाजिग की संभावना वाली किस्मों के लिये | 2.00 से 2.5 |
पानी की मात्रा (लीटर/हेक्टेयर)
स्टेज-1 प्रारंभिक चरण | 20 |
स्टेज-2 पूर्ण छत्र चरण | 25 (फूल आने की अवस्था के दौरान छिडकाव ना करें) |
नोजल
नेजल का प्रकार | बहावरोधी फ्लैट पंखा (एंटी ड्रिफ्ट फ्लैट पैन नोजल) |
बूंद का आकार (माइक्रोन): कीटनाशक व कीवकनाशी | 250 से 350 |
नोजल डिस्चार्च दर (लीटर/मिनट) | 0.30 से 0.60 |
कोण (अंश) | 600 से 1200 |
स्वाथ (मीटर) | 3 से 6 |
नोजल की संख्या | 4 से 6 |
दबाव (बार) | 2 से 3 |
छिडकाव का उपयुक्त समय
गर्मी और बरसात का मौसम | सुबह 6 से 10 व दोपहर 3 से 6 बजे तक |
शरत ऋतु | सुबह 8 से 11 व दोपहर 2 से 6 बजे तक |
फूल आने की अवस्था के दौरान | छिड़काव से सख्ती से बचें |
पर्यावरण की स्थिति
तापमान | 350C |
नमी | 50% |
हवा की गति | 8 मी/सकेंड |
बरिश के दौरान | स्प्रे न करें |
यदि कोहरे/ धुंध के दौरान | स्प्रे न करें |
साइट विशिष्ट
समतल भूमि | क्षेत्र में मोजूद बाधाओं का ध्यान रखें |
ढलानदार इलाका | इलाके का अनुसरण करने वाले सेंसर का उपयोग करें |
ड्रोन की सहायता से छिड़काव से फसलों में कीट प्रबंधन हेतु कीटनाशकों/रासायनिक उपयोग के लिए सामान्य दिशानिर्देश
1. यदि अगले दिनों में भारी बारिश का पूर्वानुमान हो तो छिड़काव न करें।
2. हरे लेबल वाले कीटनाशकों को अधिक प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
3. कीटनाशकों का उपयोग केवल अंतिम उपाय के रूप में किया जाना चाहिए जब अन्य सभी गैर-रासायनिक प्रबंधन विकल्प समाप्त हो जाएं।
4. जब कीट सबसे कमजोर जीवन अवस्था में हों तो जैव कीटनाशकों/रासायनिक कीटनाशकों का विवेकपूर्ण ढंग से प्रयोग करें। लेबल दावे के अनुसार आवेदन दरों और अंतरालों का उपयोग करें।
5. कीटनाशकों की तैयारी और अनुप्रयोग के दौरान सुरक्षात्मक कपडे, फेसमास्क और दस्ताने का उपयोग करें।
6. छिडकाव के 48 घंटे बाद ही खेत में प्रवेश करें।
कृषि-जलवायु अनुकूल ड्रोन के उपयोग समबन्धित महत्वपूर्ण बिन्दु
ड्रोन से छिडकाव करने से पहले
फसल पैरामीटर-
1.ड्रोन से छिडकाव करने से पहले फसल की अवस्था, ऊंचाई और छत्र विकास को ध्यान में रखना चाहिए।
2. बरिश की संभावना, फसल की फूल अवस्था/परागण चरण व फसल ठहरने की अधिक सभंवना की स्थिति मे ड्रोन का उपयोग करने से बचें।
फसल क्षेत्र-साइट पैरामीटर-
1. फसल खेत की स्थिति जाने की वह किस जोन के अंतर्गत आता है। रेड जोन आने पर ड्रोन का उपयोग ना करें यलो जोन आने पर स्थानीय पुलिस की उचित अनुमति प्राप्त करें।
2. जी.पी.एस कन्केटिविटी स्थिरिता पर अक्षांश व देशांतर नोट कर रिमोट कन्ट्रोल व ड्रोन के बीच सिंगनल खोने से बचने के लिये खेत को छोटे-छोटे क्षेत्रो मे बांटे व क्षेत्र के ढलान, पहाडी, विघुत लाईन व वृक्ष आदि की स्थिति जानकर छिड़काव की योजना बनाये।
3. प्राकृर्तिक संसाधन व दैनिक उपयोगी क्षेत्र (चारागाह, तालाब, नहर, नदी, मुर्गी घर, खलिहान,स्कूल, गांव, पंचायत आदि) से 100 मी. दूरी बनाकर ही स्प्रे करें।
मौसम/पर्यावरण की स्थिति-
1. यदि हवा की गति 8 कि.मी/घण्टें से अधिक व तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो तो ड्रोन से छिड़काव ना करें।
2. मौसम आर्द्रता 50 प्रतिशत से अधिक होने पर ही ड्रोन के माध्यम से छिडकाव करें।
ड्रोन पैरामीटर-
1. मोटर, प्रोपेलर और बैटरी हमेशा अतिरिक्त संख्या में रखे। बैटरी चार्ज न हो, प्रोपेलर ब्लेड टूटी हो या मोटर बहुत ज्यादा गर्म हो रही हो तो ड्रोन उपयोग ना करें।
2. हवा की दिशा को जांच कर ड्रोन के शुरूआती होम पांइट तय करें।
3. ड्रोन के प्रकार व पेलोड छमता को ध्यान में रखकर ड्रोन का केलिब्रेशन करें व आपरेशन के दौरान अच्छी स्थिरता सुनिश्चित करें।
4. नोजल के प्रकार, फिडर पाईप में एयरलॉक की स्थिति व सुखे नोजल मे रासयन कणं का जमाव स्थिति को जाने फिर छिड़काव की एकरूपता व ओवर लेप प्रतिशत सुनिशिचत करें।
5. नैनो ड्रोन को जमीन स्तर से 50 फिट माइक्रो ड्रोन को 200 फिट व अन्य ड्रोन को 400 फिट ऊंचाई से अधिक न उडायें।
6. नियंत्रित हवाई क्षेत्र (जहां एटीसी सेवाएं सक्रिय हैं) में संचालन के लिए डीजीसीए से विशिष्ट पहचान संख्या (यूआईएन) प्राप्त करें और इसे अपने ड्रोन पर चिपकाएं। डिजीटल स्काय पलेटफोम के माध्यम से डी. जी. सी. ए. वेबसाईट पर अनुमति प्राप्त करें।
7. केवल सूर्य प्रकाश की उपस्थिति में ही छिडकाव करें व किसी भी घटना/दुर्घटना घटने पर सबंधित पुलिस प्रशासन को सुचित करें।
छिड़काव प्रणाली-
1. टेंक की क्षमता, पंम्प की प्रभाव दर, नोजल के बीच की दूरी, स्प्रेयर के सम्रग बूम का आकार, नोजल के डिस्चार्ज की दर, सोलेनाइड बल्ब की कार्यशीलता, होज पाईप के रिसाव व कनेक्टर की स्थिति का आंकलन कर ही ड्रोन उडाएं।
2. यदि टैंक का ढक्कन ना लगा हो, होज पाईप, नोजल, टैंक आदि में रिसाब की स्थिति हो या सोलेनाइड बाल्ब ठीक से काम ना कर रहें हो तो ड्रोन ना उडायें।
ड्रोन से छिड़काव करते समय–
ड्रोन ऑपरेशन-
1. ऑपरेशन के दौरान ड्रोन की स्थिरिता दृशयसीमा, फसल क्षेत्र की बाधाओं व छिडकाव ओवरलेप प्रतिशत जैसेबिन्दुओ को हमेशा ध्यान में रखें।
2. बैटरी डिस्चार्ज के दौरान आपातकालीन लैंडिगं की वैक्लपिक व्यवस्था हमेशा ध्यान में रखें।
3. कुशल व ड्रोन लाइसेंस धारी व्यक्ति को ही ड्रोन का संचालन करना चाहिए।
स्प्रें नियंत्रण-
1. स्प्रे कार्य समान्यतः शांत एवं धूप वाले दिनो व हवा की दिशा के अनुरूप अनुशासित रूप से किया जाना चाहिए।
2. तेज धूप की स्थिति, बारिश के ठीक पहले या बाद की स्थिति, हवा के विपरित दिशा में छिडकाव कार्य नही किया जाना चाहिए।
3. स्प्रे कार्य करते समय ऑपरेटर को हमेशा शरीर को कपडे से कवर करके रखना चाहिए।
ड्रोन संचालन व अकस्मिक दुर्घटना बचाव
1. छिडकाव कार्य के दौरान ऑपरेटर को आटोंमोड ऑपरेशन होने पर भी रिमोट कंट्रोल को हाथ में रखना चाहिए।
2. छिडकाव कार्य के दौरान ऑपरेटर को पी. पी. ई. कीट व रासायन जोखिम से बचने के लिऐ हमेशा ऑखों पर चशमे का उपयोग करना चाहिए।
3. ड्रोन के उपयोग के दौरान प्राथमिक उपचार किट हमेशा साथ रखना चाहिए।
4. ड्रोन छिडकाव के दौरान ऑपरेटर को रसायनो से बचाव के लिये हमेशा हवा की दिशा के विपरित खडे होना चाहिए।
5. ड्रोन ऑपरेटर को किसी भी अन्य व्यक्ति को उडान के दौरान टैकआफ व लैंडिगं के समय करीब नही रहने देना चाहिए।
6. दुर्घटना ग्रस्थ हो जाने की स्थिति में तुरंत स्थानीय पुलिस को सुचित करे व हादसे की फोटो को अपने पास रखे, जिससे की बीमा आवेदन प्रक्रिया जल्द से जल्द पूर्ण की जा सकें।
ड्रोन से छिडकाव करने के बाद
ड्रोन
1. ड्रोन की बैटरी निकाले व तुरंत चार्जिगं पर लगाएं।
2. ड्रोन के तापमान व प्रोपेलर की जांच करें।
3. ड्रोन के किसी भी भागो की हुई टूट-फूट की सटिकता से जांच करें।
4. ड्रोन के टेंक को साफ करें। स्प्रे/छिडकाव के तुरंत बाद खेत में जानवर व श्रमिकों के प्रवेश को रोकें एवं फसल कटाई/निदांई, सिचांई जैसे कार्य ना करें।
ड्रोन आपरेटर
1. छिडकाव समाप्ति के उपरांत हाथ और चेहरे को पानी व साबुन की सहायता से साफ करें।
2. शरीर में जेहर जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत प्राथमिक उपचार लेने के बाद डॉक्टर से संपर्क करें।
3.धुम्रपान व नशे की हालत में स्प्रे कार्य ना करें।
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