राजस्थान कृषि विभाग ने फड़का कीट व्याधि के लिए जारी की सलाह
21 जुलाई 2022, जयपुर: राजस्थान कृषि विभाग ने फड़का कीट व्याधि के लिए जारी की सलाह – कृषि आयुक्त श्री कानाराम ने निर्देश दिये कि फड़का (ग्रासहोपर) कीट व्याधि की सर्वेक्षण अथवा रेपिड रोविंग सर्वे रिपोर्ट पूरी कर अविलम्ब संयुक्त निदेशक कृषि (पौध संरक्षण) को भिजवायें ताकि काश्तकारों को सरकारी अनुदान पर कीटनाशी रसायन उपलब्ध कराने के लिए भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्यों का आवंटन किया जा सके।
कृषि आयुक्त ने बताया कि अब किसान किसी भी अधिकृत डीलर से कीटनाशक खरीद सकते हैं, साथ ही अपनी इच्छा से डीलर से मोल भाव भी कर सकते हैं। कीट का समय पर नियंत्रण कर कृषकों की फसलों को नुकसान से बचाया जा सकता है।
जारी की परामर्शिका
खरीफ फसलों में फड़का कीट प्रबन्धन के लिए विभाग ने काश्तकारों के लिए परामर्शिका भी जारी की है। किसानों को सलाह दी गई है कि कीट का प्रकोप आर्थिक क्षति स्तर से अधिक होने पर कीटनाशी रसायनों का छिड़काव सुबह या शाम के समय खड़ी फसल में किया जाना चाहिए। इसके लिए किसानों को क्यूनालफास 1.5 प्रतिशत (चूर्ण) 25 किलो प्रति हैक्टेयर, क्यूनालफास 25 प्रतिशत (ई.सी.) 1 लीटर प्रति हैक्टेयर अथवा मेलाथियान 5 प्रतिशत (चूर्ण) 25 किलो प्रति हैक्टेयर छिड़काव करने की सलाह दी जाती है।
ग्रासहोपर के शिशु पत्तियों को किनारे से खाना आरंभ करते हैं जबकि प्रौढ़ कीट फसल को सीधा नुकसान पहुंचाते है इसलिए इसका शिशु अवस्था में ही नियंत्रण करना कारगर साबित होता है। खेतों के किनारे कचरा, अलाव या पुराने टायर जलाकर भी फड़के कीट का प्रकोप कम किया जा सकता है। कीट नियंत्रण के लिए एक लाईट ट्रेप प्रति हैक्टेयर क्षेत्र में लगानी चाहिए।
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