State News (राज्य कृषि समाचार)

उद्यानिकी फसलों को कीट और रोगों से बचाव हेतु कृषकों को सलाह

Share

7 अप्रैल 2022, इंदौर । उद्यानिकी फसलों को कीट और रोगों से बचाव हेतु कृषकों को सलाह उद्यानिकी फसलों की कीट एवं बीमारियों के नियंत्रण हेतु कृषकों को उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक ने बताया कि  फल एवं सब्जियों पर कीटों द्वारा नुकसान किया जाता है। पत्तियों तथा तना के विभिन्न अंगों का रस चूसना, कोमल पत्तियों तथा तनों को खाना, फूलों का रस चूसना, खाना एवं विकृत करना, फलों एवं तनों में छेद करना, पौधों की जड़ें काटना, विभिन्न रोगों के भाग के रूप में कार्य करना, हानि की दृष्टि से कीटों को निम्न वर्गों में बांटा  जा सकता है। जिसके लिए कृषकों को सावधानियां बरतनी चाहिए। सब्जियों एवं फलों की रोक प्रतिरोधी किस्मों का प्रयोग करें, अंतवर्तीय फसलों की खेती रोग प्रबंधन में कारगर है। भिण्डी में पीला मोजेक रोग के नियंत्रण में लोविया लगाकर कर सकते हैं।

फफूंद जनित बीमारियों के प्रबंधन हेतु ट्राईकोडर्मा, बिरिडी ट्राईकोडरमा, हरजिनयानम से बीज उपचार करें। जीवाणु जनित बीमारियों के बचाव हेतु स्यूडोमोनास का प्रयोग करें। वायरस जनित बीमारियों से बचाव हेतु रोग ग्रसित पौधों को उखाड़ कर जला देंl रस चूसक कीटों के नियंत्रण हेतु अनुसंशित कीट नाशक दवाओं का छिड़काव करें। पत्तियों, तनों व फलों पर लगने वाली बीमारियों के नियंत्रण हेतु जैविक फफूंद नाशक दवाओं में ट्राईकोडरमा, बिरिडी अथवा स्यूडोमोनास का प्रयोग करें। रासायनिक दवाओं में कार्वान्डाजिम, मेन्कोजेब, प्रोपिको नोजोल, ट्राइजोइक्लोजाल, कॉपर युक्त दवाओं का प्रयोग करें।

Share
Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *