निमाड़ सहकारी दुग्ध संघ की स्थापना का प्रस्ताव
6 अप्रैल 2022, इंदौर । निमाड़ सहकारी दुग्ध संघ की स्थापना का प्रस्ताव – इंदौर सहकारी दुग्ध संघ में फिलहाल शामिल निमाड़ के चार जिलों खरगोन,खंडवा,बड़वानी और बुरहानपुर को अलग करके पृथक से इन जिलों के लिए निमाड़ सहकारी दुग्ध संघ के गठन के प्रस्ताव पर गत दिनों हुई इंदौर सहकारी दुग्ध संघ के संचालक मंडल की बैठक में इस पर सहमति बन गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इंदौर सहकारी दुग्ध संघ का विकेन्द्रीकरण ,निमाड़ क्षेत्र के जन प्रतिनिधियों द्वारा निमाड़ के लिए पृथक से दुग्ध संघ का प्रस्ताव शासन को भेजने और पशुपालन मंत्री श्री प्रेमसिंह पटेल द्वारा इसे आगे बढ़ाने के बाद मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने इस संबंध में मप्र दुग्ध महासंघ को निर्देश दिए थे। गत दिनों हुई इंदौर सहकारी दुग्ध संघ के संचालक मंडल की बैठक में इस पर सहमति बन गई है और संघ की ओर से पारित प्रस्ताव महासंघ को भेज दिया गया है। निर्धारित प्रक्रियाएं पूर्ण करने के बाद निमाड़ सहकारी दुग्ध संघ अस्तित्व में आ जाएगा। इस विकेंद्रीकरण से निमाड़ के दुग्ध उत्पादकों और उपभोक्ताओं दोनों को लाभ होगा।
उल्लेखनीय है कि निमाड़ सहकारी दुग्ध संघ बनने के बाद इंदौर संघ में इंदौर,देवास,धार,झाबुआ और अलीराजपुर जिले बचेंगे। दरअसल इस सारी कवायद के पीछे इन जिलों का इंदौर से 150 किलोमीटर से अधिक दूर होना भी है। निमाड़ सहकारी दुग्ध संघ बन जाने के बाद यह दूरी कम होने से दूध का संकलन जल्दी हो सकेगा ,परिवहन लागत भी कम आएगी और कोई भी निर्णय स्थानीय स्तर पर लिया जा सकेगा। निमाड़ दुग्ध संघ के लिए निजी क्षेत्र के दूध को सहकारी क्षेत्र में लाने की संभावनाएं भीअधिक है। इससे दुग्ध उत्पादक किसानों को अधिक लाभ मिल सकेगा। मिली जानकारी के अनुसार इस विकेन्द्रीकरण के बाद इंदौर दुग्ध संघ की कुल 1969 दुग्ध उत्पादक समितियों में से 576 समितियां निमाड़ सहकारी दुग्ध संघ के हिस्से में आएगी ,जबकि इंदौर दुग्ध संघ में 1393 समितियां बचेंगी। इसी तरह इंदौर दुग्ध संघ से जुड़े कुल 78 हज़ार 760 दूध उत्पादक सदस्यों में से 26 हज़ार 460 सदस्य निमाड़ के हैं जो निमाड़ दुग्ध संघ में चले जाएंगे।