राज्य कृषि समाचार (State News)

पेस्ट फ्री एरिया फॉर एक्सपोर्ट ऑफ़ एग्रीकल्चर कमोडिटीज पर कार्यशाला का आयोजन 

28 सितम्बर 2022, भोपालपेस्ट फ्री एरिया फॉर एक्सपोर्ट ऑफ़ एग्रीकल्चर कमोडिटीज पर कार्यशाला का आयोजन  – आज 28 सितंबर को अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान‚ सुशासन भवन‚ में “प्लांट प्रोटेक्शन पेस्ट फ्री एरिया” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में  मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड की प्रबंध संचालक श्रीमती जी.व्ही. रश्मि, डॉ. जे.पी. सिंह प्लांट प्रोटक्शन एडवाइजर फरीदाबाद‚ श्री जयंत भट्ट एच.ओ.डी. प्लांट पैथोलॉजी जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी जबलपुर, श्री सुधीर कुमार आई.आई.डब्ल्यू.बी.आर. प्रिंसिपल साइंटिस्ट करनाल हरियाणा, श्री ओ. पी. वर्मा संयुक्त संचालक प्लांट प्रोटेक्शन फरीदाबाद, डॉ सुनीता पांडे डिप्टी डायरेक्टर प्लांट प्रोटेक्शन फरीदाबाद, श्री डी.के. नागेंद्र अपर संचालक (निर्यात) मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड भोपाल तथा संचालनालय कृषि के अधिकारियों के साथ-साथ मंडी बोर्ड के  वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा  शिरकत की गई। कार्यक्रम में  अतिथियों का स्वागत अपर संचालक मंडी बोर्ड श्री चंद्रशेखर वशिष्ठ द्वारा किया गया।

मध्यप्रदेश में सर्वाधिक उत्पादन गेहूं की फसल का होता है‚ जिसमें एक रोग जिसे करनाल बंट नाम दिया गया है की रोकथाम पर आए हुए वैज्ञानिकों द्वारा बहुमूल्य उपाय बताए गए। अपितु मध्यप्रदेश में करनाल बंट जैसी बीमारी गेहूं में नहीं देखी गई है। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य गेहूं में पाए जाने वाली बिमारी करनाल बंट की रोकथाम के ऊपर केंद्रित रही। जिसमें अधिकांश वैज्ञानिकों ने अपने रिसर्च के आधार पर करनाल बंट बीमारी की रोकथाम मध्यप्रदेश में किस तरह की जा सकती है के बारे में जानकारी दी गई। मध्यप्रदेश में करनाल बंट बीमारी का कोई भी प्रकरण अभी तक सामने नहीं आया है। विदेशों में मध्य प्रदेश में उत्पादित गेहूं की अत्याधिक मांग है। करनाल बंट फ्री सर्टिफिकेशन मध्य प्रदेश सरकार द्वारा प्रमाणिकता के आधार पर जारी किया जावेगा साथ ही भारत सरकार भी इस आशय की घोषणा करे कि मध्यप्रदेश में उत्पादित गेहूं में करनाल बंट जैसी कोई भी बीमारी नहीं है तथा मानव के उपभोग के लिए मध्यप्रदेश में उत्पादित गेहूं उपयुक्त है। मध्य प्रदेश की मिट्टी तथा जलवायु करनाल बंट के वायरस को पनपने नहीं देती है यही मध्य प्रदेश की मिट्टी तथा जलवायु की विशेषता है।

कार्यक्रम के अंत में मध्य प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड के अपर संचालक (निर्यात) श्री डी.के. नागेंद्र द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

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